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राजस्थान हाईकोर्ट ने पात्र होने के बावजूद दिव्यांग को नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती-2022 में पात्र होने के बाद भी अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव समेत अन्य अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

Rajasthan High Court,  High Court sought answers
दिव्यांग को नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब.

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 30, 2024, 9:10 PM IST

जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती-2022 में पात्र होने के बावजूद भी दिव्यांग अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और आरपीएससी सचिव से जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने को कहा है. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश कानाराम की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती-2022 के तहत 5 अप्रैल, 2022 को हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक-विज्ञान सहित कुल आठ पदों के लिए भर्ती निकाली थी. इसमें सामाजिक विज्ञान के 1640 पद थे. इन पदों में से 58 पद दिव्यांग वर्ग के लिए आरक्षित रखे गए थे. याचिकाकर्ता ने भर्ती में मल्टीपल डिसेबिलिटी वर्ग में आवेदन किया था. आरपीएससी ने तीस जुलाई 2023 को भर्ती की लिखित परीक्षा आयोजित की. जिसका परिणाम 15 दिसंबर को जारी किया गया. जिसमें याचिकाकर्ता ने सफलता हासिल की.

पढ़ेंः व्याख्याता भर्ती के खाली पद नहीं भरने पर हाईकोर्ट ने अधिकारियों से मांगा जवाब

याचिकाकर्ता के मेरिट से अधिक अंक आने के बावजूद भी उसे नियुक्ति नहीं दी जा रही है. इसके साथ ही उसकी ओर से पेश दिव्यांग प्रमाण पत्र को भी मान्य नहीं माना जा रहा. याचिका में बताया गया की निशक्त व्यक्ति अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत दिव्यांग व्यक्ति को निर्धारित प्रारूप में दिव्यांग प्रमाण पत्र दिया जाता है. याचिकाकर्ता के पास भी इसी प्रारूप के अनुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी स्थाई दिव्यांग प्रमाण पत्र है. याचिकाकर्ता कुल मिलाकर 41 फीसदी दिव्यांगता रखता है. ऐसे में उसे नियुक्ति से वंचित रखना गलत है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने को कहा है.

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