जयपुर.राज्य सरकार से जुड़े मामलों में सरकारी वकीलों के पैरवी नहीं करने पर हाईकोर्ट ने प्रमुख विधि सचिव को कहा है कि वे दो सप्ताह में हलफनामा पेश कर बताएं कि इसकी मॉनिटरिंग व मेंटरिंग के लिए क्या मैकेनिज्म हो. वहीं अदालतों में सरकारी वकीलों की पैरवी करना भी सुनिश्चित किया जाए और इससे कोर्ट को अवगत कराया जाए. यदि जरूरत हुई तो कोर्ट यह भी देखेगा कि पैरवी के लिए सक्षम व्यक्ति नियुक्त हुए हैं या नहीं, क्योंकि आखिर यह जनता का पैसा है. जस्टिस अशोक कुमार जैन ने यह टिप्पणी बुधवार को पूर्व राजपरिवार की संपत्तियों पर कब्जे विवाद मामले में राज्य सरकार की रिवीजन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए की.
सुनवाई के दौरान आदेश के पालन में सीएस सुधांशु पंत वीसी के जरिए उपस्थित हुए. वहीं, एएजी भरत व्यास ने कहा कि यह मामला डिप्टी सीएम से जुड़ा हुआ है और ऐसे में राज्य सरकार के हित भी संरक्षित रखे जाएंगे. आगे ऐसी स्थिति नहीं आए कि सरकारी वकील पैरवी से अनुपस्थित रहें इसके लिए मैकेनिज्म तैयार किया जा रहा है. वहीं, सीएस ने कहा कि एजी व प्रमुख विधि सचिव से चर्चा कर जल्द ही पैरवी सुनिश्चित करने के लिए मैकेनिज्म तैयार कर देंगे, केस से जुड़े ओआईसी भी कोर्ट में मौजूद रहेंगे. जिस पर अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश देते हुए सुनवाई 5 अप्रैल को तय की.