जोधपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक पद की नियुक्ति के लिए स्व घोषणा पत्र में तथ्य छुपाने और गलत जानकारी देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि ऐसा व्यक्ति स्कूल में पढ़ाते समय युवा पीढ़ी का भविष्य बर्बाद कर देगा. न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की एकलपीठ ने सत्यनारायण मीणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है.
कोर्ट ने कहा कि जहां नियोक्ता को लगता है कि किसी कर्मचारी ने प्रारंभिक चरण में ही गलत बयान दिया है या तथ्य छुपाए हैं, तो उसे सेवा में जारी नहीं रखा जा सकता है. ऐसे कर्मचारी पर भविष्य में भी भरोसा नहीं किया जा सकता है. नियोक्ता को ऐसे कर्मचारी को जारी रखने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. याचिकाकर्ता के खिलाफ चित्तौड़गढ़ में एक मुकदमा विचाराधीन था. इसके बावजूद दस्तावेज सत्यापन में शामिल किए जाने के बाद उसने आपराधिक मुकदमों के लिए स्व घोषणा पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि न तो उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा विचाराधीन है न ही लम्बित है. इसके साथ ही उसके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं है, इसकी घोषणा की गई.