भरतपुरःराजस्थान सरकार 19 फरवरी को अपना वार्षिक बजट पेश करने जा रही है. इस बार बजट में भरतपुर के लोगों को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से खास उम्मीदें हैं. भरतपुर के निवासी गर्व महसूस कर रहे हैं कि राज्य के मुख्यमंत्री उनके अपने जिले से आते हैं, जिससे क्षेत्र के विकास को लेकर सकारात्मक उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं.
पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने भी बजट को लेकर अपनी राय रखते हुए कहा कि राज्य सरकार को केंद्र से यह मांग करनी चाहिए कि केंद्रीय करों में राजस्थान की हिस्सेदारी 50% तक बढ़ाई जाए और सेस में भी राज्य को उचित भागीदारी दी जाए. उन्होंने कहा कि पेंशन, सरकारी नौकरियों और पुराने कर्ज के ब्याज चुकाने के बाद राज्य सरकार के पास विकास कार्यों के लिए सीमित संसाधन बचते हैं. सरकार फिर से कर्ज लेती है, तो ब्याज का बोझ और बढ़ेगा. ऐसे में, बजट में आर्थिक संतुलन बनाए रखने के साथ-साथ विकास योजनाओं पर भी ध्यान देना जरूरी होगा.
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औद्योगिक विकास और रोजगार की उम्मीदेंःभरतपुर को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शामिल किए जाने के बावजूद अब तक इसका पूरा लाभ नहीं मिला है, लेकिन इस बार राज्य सरकार के बजट में नए उद्योगों की स्थापना की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. इससे न केवल औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने भी इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार को औद्योगिक विकास के लिए विशेष पैकेज की मांग केंद्र से करनी चाहिए, ताकि भरतपुर में बड़े उद्योग लग सकें और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिले.
पर्यटन और जल आपूर्ति को मिलेगा प्रोत्साहनः भरतपुर का केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान दुनियाभर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. स्थानीय लोगों की उम्मीद है कि इस बार के बजट में केवलादेव को पांचना बांध से नियमित जलापूर्ति की योजना को स्वीकृति मिलेगी, जिससे पर्यटन को और अधिक बल मिलेगा. पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने भी इस योजना का समर्थन किया और कहा कि भरतपुर को पर्यटन सर्किट से बेहतर तरीके से जोड़ा जाए, जिससे स्थानीय व्यापारियों और होटल उद्योग को फायदा हो.