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प्रश्नकाल में गूंजा अवैध बजरी खनन का मुद्दा, विपक्ष के आरोप पर सत्ता पक्ष ने कहा- कभी तो तारीफ किया करो - Rajasthan Vidhan Sabha - RAJASTHAN VIDHAN SABHA

राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अवैध बजरी खनन को लेकर जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष ने मंगलवार को खनन नीति और अवैध खनन रोकने का सवाल किया तो सरकार ने कहा कि अभियान चला रहे हैं. उधर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अभियान शुरू होता है, लेकिन सेटिंग होते ही बंद हो जाता है. इस पर मंत्री गजेंद्र सिंह ने जवाब दिया.

Rajasthan Assembly Session 2024
विधानसभा में बहस करते मंत्री-विधायक (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 30, 2024, 3:40 PM IST

विधानसभा में गूंजा अवैध बजरी खनन का मुद्दा (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अवैध बजरी खनन रोकथाम को लेकर उठे सवाल पर जमकर हंगामा हुआ. पक्ष विपक्ष की नोकझोंक के बीच मंत्री ने कहा कि अभियान चला रहे हैं. इस बीच नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन सेटिंग होने के साथ ही अभियान बंद कर दिए जाते हैं. इसके बाद मंत्री गजेंद्र सिंह खड़े हुए और कहा कि अभियान में जिस तरह से कार्रवाई की गई, उसके बाद तो तारीफ करनी चाहिए. इसके बाद सदन में जमकर हंगामा शुरू हो गया, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने शांत कराया. इसके साथ ही सदन में विधानसभा क्षेत्र वैर के पशु चिकित्सालय में लेबोरेटरी की सुविधा, मांडल विधानसभा क्षेत्र में विधायक कोष से स्वीकृत राशि, खेतड़ी विधानसभा क्षेत्र में सड़कों से वंचित गांव सहित करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा सवाल-जवाब हुए.

अवैध बजरी खनन पर हंगामा : दरअसल, प्रश्नकाल के दौरान विधायक अर्जुन लाल जीनगर में प्रदेश में खनन नीति और अवैध खनन रोकथाम से जुड़ा सवाल लगाया. इसके जवाब में मंत्री गजेंद्र खींवसर ने कहा इस साल 2234 अवैध माइनिंग के केस पकड़े गए, 1.48 लाख टन खनिज सीज किया गया और 35.5 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई है. वहीं, करीब 2 हजार वाहन जब्त किए गए. 564 मुकदमे दर्ज किए गए, अवैध बजरी खनन की रोकथाम के लिए 208 केस दर्ज किए गए. मंत्री खींवसर ने कहा कि अभियान शॉर्ट टर्म चलता है. आंकड़े देखिए, कितना एक्शन हुआ है. कलेक्टर की SIT बनी हुई है. अभियान दो-तीन साल थोड़े ही चलते हैं. अभियान इसलिए रोका गया, क्योंकि इसके बाद आचार संहिता लग गई थी.

पढ़ें :विधानसभा में मंत्री दिलावर ने विधायक बामनियां को बताया ब्लैक मेलर, सदन में हुआ जमकर हंगामा, अध्यक्ष देवनानी ने दी ये चेतावनी - Minister Dilawar Statement

इसके बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सवाल उठाया और कहा कि 15 जिलों में अवैध खनन का अभियान चला, क्या अवैध खनन खत्म हो गया, जिसकी वजह से अभियान बंद कर दिया गया. अभियान को बंद क्यों किया गया ? क्या सरकार ने सेटिंग के लिए अभियान चलाया था ? सेटिंग होते ही अभियान बंद कर दिया गया. इस पर पक्ष-प्रतिपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई. इसके जवाब में गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि कोई भी अभियान लॉन्ग टर्म नहीं चलता है. एक सीमित समय के लिए अभियान चलाया जाता है और उसी के तहत अभियान चलाया गया था. इस अभियान में जिस तरह से इतनी बड़ी कार्रवाई हुई, उसे पर तो तारीफ करनी चाहिए थी.

ये सवाल भी उठे प्रश्नकाल में : विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान वैर विधानसभा क्षेत्र में पशु चिकित्सालय और उप केंद्रो में लेबोरेटरी खोलने को लेकर विधायक बहादुर सिंह कोली ने प्रश्न किया, जिसके जवाब में मंत्री जोराराम कुमावत ने जवाब दिया कि वैर और भुसावर के अतिरिक्त किसी भी पशु चिकित्सालय में लेबोरेटरी उपलब्ध नहीं है. वर्तमान में सरकार पशु चिकित्सा खोलने का कोई विचार नहीं रखती. पशु निदान प्रयोगशालाएं ज्यादातर प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय में होती हैं, फिर भी सदस्य की मांग पर अध्यन करवा कर पशु लेबोरेटरी खोलने का प्रयास करेंगे.

उधर बीजेपी विधायक श्रीचंद कृपलानी ने निंबाहेड़ा में एनडीपीएस कोर्ट की स्थापना को लेकर सवाल किया, जिसके जवाब में मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि एनडीपीएस का नियमित न्यायालय में खोलने का प्रस्ताव था. वित्तीय संसाधन की उपलब्धता नहीं होने से निंबाहेड़ा में एनडीपीएस कोर्ट की स्थापना करना संभव नहीं था, फिर भी हाईकोर्ट को दोबारा पत्र लिखेंगे. अनुशंसा आएगी तो कैंप कोर्ट को परमानेंट कोर्ट के रूप में स्थापित करने का पूरा प्रयास करेंगे. प्रदेश के पशुपालकों को गोपालन के अनुदान को लेकर वविधायक रतन देवासी ने प्रश्न करते हुए कहा कि पिछले 9 महीने में अनुदान जीरो बताया गया है. जिसके जवाब में गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि पशुपालकों को अन्य स्कीमों के तहत ही अनुदान दिया जाता है.

गोपालन के लिए कोई प्रस्ताव नहीं है. जहां तक दूसरे प्रदेशों में भेजने का सवाल है तो इसके लिए नियम बने हुए हैं. उन नियमों के तहत वह अपने पशुओं को दूसरे प्रदेशों में भेज सकता है. वहां से ला सकता है. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कल मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि छोटे गोवंश के लिए 2 और बड़े गोवंश के लिए 4 रुपये, क्या इतनी महंगाई में एक दिन में 4 रुपये का चारा मिल सकता है. मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सिर्फ अनुदान बढ़ाने के लिए 10% बोला है, लेकिन 2 और 4 गुना है. प्रश्नकाल में इसके अलावा मांडल विधायक उदयलाल भड़ाना विधायक कोष से स्वीकृति राशि को लेकर सवाल किया. जिसके जवाब में मंत्री ओटाराम देवासी ने जवाब दिया.

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