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विश्वविद्यालय की ओर से छात्र संघ चुनाव के नाम पर लिया जा रहा शुल्क, छात्रों ने उठाए सवाल, नेताओं ने की पैरवी - Rajasthan University - RAJASTHAN UNIVERSITY

Demand of Student union election, छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर प्रदेश भर में प्रदर्शन जारी है. इसी बीच राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रों ने छात्र संघ चुनाव के नाम पर लिए जा रहे शुल्क पर सवाल उठाए हैं.

छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर प्रदर्शन
छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर प्रदर्शन (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 17, 2024, 4:49 PM IST

Updated : Jul 17, 2024, 4:57 PM IST

छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर प्रदर्शन (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर.प्रदेश में छात्र संघ चुनाव पर तलवार लटकी हुई है. उच्च शिक्षा मंत्री के बयान से ये माना जा रहा है कि इस बार भी छात्र संघ के चुनाव नहीं होंगे. हालांकि, इस बीच राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष की कुर्सी से विधानसभा तक का सफर तय कर चुके कई जनप्रतिनिधियों ने छात्र संघ चुनाव कराए जाने की पैरवी की है. वहीं, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने पिछले साल पुलिस प्रशासन की ओर से मिले फीडबैक के कारण चुनाव नहीं कराए जाने की बात कही. इन सबके बीच छात्रों ने उस शुल्क पर सवाल उठाए हैं, जो राजस्थान विश्वविद्यालय की ओर से छात्र संघ चुनाव के नाम पर प्रत्येक छात्र से लिए जा रहे हैं. साथ ही इस मामले को कोर्ट में ले जाने की चेतावनी भी दी है.

ब्याज के साथ मांगा जाएगा हिसाब :छात्र नेता शुभम रेवाड़ ने कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय नहीं चाहता कि नियमित रूप से छात्र संघ के चुनाव हों, लेकिन छात्र संघ के चुनाव के नाम पर राजस्थान विश्वविद्यालय प्रत्येक छात्र से लगातार शुल्क वसूल कर रहा है. प्रोस्पेक्टस में भी मेंशन है 145 रुपए छात्र संघ चुनाव के और 110 रुपए मेंबरशिप फीस, कुल 255 रुपए प्रति छात्र वसूल किए जा रहे हैं, यानी करीब 63 लाख 75 हजार की राशि हर वर्ष छात्रों से छात्र संघ चुनाव के नाम पर ली जाती है. रेवाड़ ने कहा कि प्रदर्शन करके पैसे का हिसाब नहीं मांगा जाएगा, क्योंकि जब भी छात्र प्रदर्शन करते हैं तो उनको पुलिस प्रशासन को बुलाकर मुकदमे लगवा देते हैं और कोर्ट में ले जाते हैं. ऐसे में इस बार छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन को कोर्ट में लेकर जाएगा और जो पैसा छात्र संघ चुनाव के नाम पर लिया जा रहा है उसका हिसाब ब्याज के साथ मांगा जाएगा.

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इन्होंने की वकालत :राजस्थान विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के विश्वविद्यालय और कॉलेज में छात्र संघ चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर छात्र आंदोलनरत हैं. कभी उन्हें पुलिस प्रशासन की लाठी खानी पड़ रही है, तो कभी उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है. इन छात्र नेताओं के साथ ही राजस्थान यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष रहे कालीचरण सराफ, अशोक लाहोटी, प्रताप सिंह खाचरियावास, राजेंद्र राठौड़, राजकुमार शर्मा, मनीष यादव जैसे जनप्रतिनिधि जो आज प्रदेश की राजनीति में अपनी सक्रिय भूमिका अदा कर रहे हैं, उन्होंने भी छात्र संघ चुनाव कराए जाने की वकालत की है.

अशोक गहलोत ने ये कहा : यही नहीं छात्र राजनीति से ही निकले पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी हाल ही में सोशल मीडिया पर लिखा कि उनकी सरकार के समय पुलिस-प्रशासन के फीडबैक के कारण चुनावी वर्ष में छात्र संघ चुनाव नहीं करवाए जा सके थे, क्योंकि प्रशासन विधानसभा चुनावों की तैयारी में व्यस्त था और अधिकांश जगह कॉलेज में ही चुनावी गतिविधियों जैसे चुनावी ट्रेनिंग, ईवीएम भंडारण और मतगणना केन्द्र आदि होते हैं. उनका मानना है कि छात्र संघ राजनीति की पहली पाठशाला है. छात्र संघ चुनावों से विद्यार्थियों में लोकतंत्र एवं संविधान के प्रति जागरूकता आती है. वो खुद छात्र संघ की राजनीति से निकले हैं. पिछले कार्यकाल में बीजेपी सरकार ने छात्र संघ चुनावों पर रोक लगाई थी, जिसे उनकी सरकार ने हटाया. कोविड के बाद भी उन्हीं की सरकार ने छात्र संघ चुनाव बहाल किए थे. सरकार को छात्र संघ चुनावों की मांग कर रहे विद्यार्थियों पर बल प्रयोग करने की बजाय उनकी मांग को मानना चाहिए.

आपको बता दें कि राजस्थान विश्वविद्यालय में 2006 में छात्र संघ चुनाव पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद 2010 में छात्र संघ चुनाव की दोबारा बहाल हुए. हालांकि 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण की वजह से छात्र संघ चुनाव नहीं हो पाए थे और फिर 29 जुलाई 2022 को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इलेक्शन कराया, लेकिन बीते साल 12 अगस्त 2023 को कांग्रेस सरकार ने ही छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाने का फैसला लिया था.

Last Updated : Jul 17, 2024, 4:57 PM IST

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