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पुष्प फागोत्सव का समापन, 24 मार्च को ठाकुर जी श्रद्धालुओं के साथ खेलेंगे होली - Pushpa Fagotsav 2024

Pushp Phagotsav Ends, होली के अवसर पर गोविंद देव मंदिर में पुष्प फागोत्सव में होली पद भजनामृत अनुष्ठान का शुक्रवार को समापन हो गया.

Pushp Phagotsav Ends
Pushp Phagotsav Ends

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 22, 2024, 10:34 PM IST

जयपुर.शहर के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में एक पखवाड़े से मची होली की धूम रविवार को परवान चढ़ेगी. यहां श्रद्धालु ठाकुर जी के साथ होली खेलेंगे. 24 मार्च को राजभोग आरती के बाद सुबह 11:45 बजे मंदिर में ठाकुर जी को पांच तरह की गुलाल अर्पित की जाएगी. साथ ही जल संरक्षण का संदेश भी दिया जाएगा. इससे पहले शुक्रवार को गोविंद देवजी मंदिर में होली पद भजनामृत अनुष्ठान हुआ.

छोटी काशी के छोटे-बड़े सभी मंदिरों में फागोत्सव की धूम मची हुई है. वहीं शहर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में कोलकाता के मालीराम शर्मा के सानिध्य में फाल्गुनी भजनों की प्रस्तुतियां दी गई. बृज कला मंडल के करीब 30 कलाकारों ने फूलों की होली खेली. इस दौरान शेखावाटी के कलाकारों ने ढप और चंग की थाप पर धमाल गाकर लोगों को फाल्गुनी माहौल में रंग दिया. राधा-कृष्ण और सखियों के स्वरूपों में कलाकारों ने नृत्य की प्रस्तुति दी. वहीं, बरसाना की लठमार होली आकर्षण का केन्द्र रही.

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इसके साथ ही तीन दिवसीय होलिकोत्सव और दो दिवसीय पुष्प फागोत्सव में होली पद भजनामृत अनुष्ठान का समापन हुआ. वहीं, गोविंद देवजी मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि 24 मार्च को राजभोग आरती के बाद 11:45 बजे मंदिर में ठाकुर जी के संग गुलाल होली खेली जाएगी. इस दौरान जल संरक्षण का संदेश दिया जाएगा, ऐसे में पानी की होली खेलना पूरी तरह निषेध रहेगा. वहीं इस दौरान 'श्री जी' को प्राकृतिक रंगों से निर्मित पांच तरह की गुलाल अर्पित की जाएगी.

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आपको बता दें कि पौराणिक मान्यता है कि भद्रा सूर्य की पुत्री और शनिदेव की बहन है. भद्रा क्रोधी स्वभाव की मानी गई हैं. उनके स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए भगवान ब्रह्मा ने उन्हें कालगणनाके एक प्रमुख अंग विष्टिकरण में स्थान दिया है. फाल्गुन की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि रविवार को सुबह 9:55 से रात 11:13 बजे तक भद्रा है. शास्त्रों के अनुसार भद्रा यदि अर्द्ध रात्रि से पहले खत्म हो जाती है तो होलिका दहन किया जा सकता है. ऐसे में होलिका दहन मुहूर्त देर रात 11:13 बजे से रात 12:33 बजे तक है. वहीं धुलंडी पर साल का पहला चंद्र ग्रहण भी होगा. हालांकि, भारत में इस चंद्र ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा. इस कारण से इसका सूतककाल मान्य नहीं होगा.

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