देवघर: झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए 20 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान समाप्त होते ही सभी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है. जिला प्रशासन की तरफ से जारी किए गए मतदान प्रतिशत के अनुसार देवघर जिला में इस बार विधानसभा चुनाव में करीब 72% मतदान हुए हैं.
देवघर विधानसभा की बात करें तो देवघर विधानसभा के तीनों प्रखंड देवीपुर, देवघर और मोहनपुर के लोगों ने भी जमकर मतदान किया है. देवघर विधानसभा के मोहनपुर प्रखंड को निर्णायक माना जाता है. यहां ऐसा माना जाता है कि मोहनपुर के लोग जिस प्रत्याशी को अपना मत देते हैं वह प्रत्याशी विधानसभा तक पहुंचते हैं. ईटीवी भारत संवाददाता हितेश चौधरी ने मोहनपुर के लोगों की राय जानने का प्रयास किया और प्रत्याशियों को लेकर उनका रूझान जाना.
ईटीवी भारत की टीम ने मतदान समाप्त होने के बाद मोहनपुर के लोगों से जब बात कि तो इस बार लोगों ने इशारे-इशारे में लालटेन यानी इंडिया गठबंधन को समर्थन देने की बात कही है. वहीं इस बार देवीपुर और देवघर के लोगों ने किसको मत दिया है, वह भी मायने रखेगा. क्योंकि पिछली बार नारायण दास यहां से ज्यादा वोट से लीड नहीं कर पाए थे. अब यह तो 23 नवंबर मतगणना के दिन है स्पष्ट हो पाएगा इस बार देवघर विधानसभा में किस प्रत्याशी की किस्मत खुलती है.
वहीं देवघर जिला के मधुपुर और सारठ विधानसभा सीट पर भी दोनों प्रत्याशी के बीच कांटे की टक्कर है. मधुपुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों से मिली जानकारी के अनुसार अल्पसंख्यक मतदाता भाजपा के प्रत्याशी से थोड़े नाराज दिखे. ऐसे में भाजपा प्रत्याशी को अल्पसंख्यक मतदाताओं की नाराजगी का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. मधुपुर में करीब एक लाख चालीस हजार अल्पसंख्यक मतदाता हैं. जिसमें करीब 80 से 90 हजार पोलिंग के लिए मतदान केंद्र तक पहुंचते हैं.
इसको लेकर संथाल क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार अमरनाथ पाठक बताते हैं कि मधुपुर में अगर हिंदुओं के साथ-साथ आदिवासी वोट भाजपा के साथ आती है तभी भाजपा वहां पर जीत का स्वाद चख सकती है नहीं तो मधुपुर में हफीजुल हसन अंसारी के जीतने की ज्यादा बहुत उम्मीद है.