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देवघर, मधुपुर और सारठ में चमकेगी किसकी किस्मत! जानें, क्या है जनता की राय

देवघर की तीन सीटों पर दिग्गजों की किस्मत का फैसला 23 नवंबर को होगा. लेकिन जनता की राय क्या है, जानें इस रिपोर्ट से.

Public reaction to elections held on assembly seats of Deoghar district
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 9 hours ago

देवघर: झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए 20 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान समाप्त होते ही सभी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है. जिला प्रशासन की तरफ से जारी किए गए मतदान प्रतिशत के अनुसार देवघर जिला में इस बार विधानसभा चुनाव में करीब 72% मतदान हुए हैं.

देवघर विधानसभा की बात करें तो देवघर विधानसभा के तीनों प्रखंड देवीपुर, देवघर और मोहनपुर के लोगों ने भी जमकर मतदान किया है. देवघर विधानसभा के मोहनपुर प्रखंड को निर्णायक माना जाता है. यहां ऐसा माना जाता है कि मोहनपुर के लोग जिस प्रत्याशी को अपना मत देते हैं वह प्रत्याशी विधानसभा तक पहुंचते हैं. ईटीवी भारत संवाददाता हितेश चौधरी ने मोहनपुर के लोगों की राय जानने का प्रयास किया और प्रत्याशियों को लेकर उनका रूझान जाना.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः चुनाव को लेकर देवघर के मोहनपुर के लोगों की राय (ETV Bharat)

ईटीवी भारत की टीम ने मतदान समाप्त होने के बाद मोहनपुर के लोगों से जब बात कि तो इस बार लोगों ने इशारे-इशारे में लालटेन यानी इंडिया गठबंधन को समर्थन देने की बात कही है. वहीं इस बार देवीपुर और देवघर के लोगों ने किसको मत दिया है, वह भी मायने रखेगा. क्योंकि पिछली बार नारायण दास यहां से ज्यादा वोट से लीड नहीं कर पाए थे. अब यह तो 23 नवंबर मतगणना के दिन है स्पष्ट हो पाएगा इस बार देवघर विधानसभा में किस प्रत्याशी की किस्मत खुलती है.

वहीं देवघर जिला के मधुपुर और सारठ विधानसभा सीट पर भी दोनों प्रत्याशी के बीच कांटे की टक्कर है. मधुपुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों से मिली जानकारी के अनुसार अल्पसंख्यक मतदाता भाजपा के प्रत्याशी से थोड़े नाराज दिखे. ऐसे में भाजपा प्रत्याशी को अल्पसंख्यक मतदाताओं की नाराजगी का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. मधुपुर में करीब एक लाख चालीस हजार अल्पसंख्यक मतदाता हैं. जिसमें करीब 80 से 90 हजार पोलिंग के लिए मतदान केंद्र तक पहुंचते हैं.

इसको लेकर संथाल क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार अमरनाथ पाठक बताते हैं कि मधुपुर में अगर हिंदुओं के साथ-साथ आदिवासी वोट भाजपा के साथ आती है तभी भाजपा वहां पर जीत का स्वाद चख सकती है नहीं तो मधुपुर में हफीजुल हसन अंसारी के जीतने की ज्यादा बहुत उम्मीद है.

सारठ विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पर जेएमएम के वरिष्ठ नेता ही हार का कारण बन सकते हैं. वरिष्ठ पत्रकार अमरनाथ पाठक बताते हैं जिस तरह से चुनाव से पहले झामुमो नेता शशांक शेखर भोक्ता और भूपेन सिंह की नाराजगी कहीं ना कहीं देखने को मिली है. उनकी इस नाराजगी का खामियाजा उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह को भुगतना पड़ सकता है.

बहरहाल राजनीति के जानकार और क्षेत्र के लोग अपने-अपने हिसाब से आकलन कर रहे हैं. लेकिन इस बार मधुपुर, देवघर और सारठ विधानसभा में कौन जीतेगा यह तो मतगणना के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा.

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