कवर्धा :छत्तीसगढ़ के पुरातात्विक धरोहर में से एक ऐतिहासिक भोरमदेव मंदिर में निर्वाचन आयोग ने महोत्सव की अनुमति दे दी है. शुक्रवार को मिली अनुमति के बाद प्रशासन ने युद्ध स्तर पर तैयारी करनी शुरु कर दी है.ऐसा पहली बार हुआ जब आचार संहिता के कारण कार्यक्रम को अनुमति मिलने में देर हुई हो.आपको बता दें कि भोरमदेव महोत्सव के लिए जिला प्रशासन को 15 दिन पहले से ही तैयारी करनी पड़ती है.लेकिन अनुमति मिलने में देरी के कारण अब आनन-फानन में तैयारी की जा रही है.
कब हुई थी महोत्सव की शुरुआत :भोरमदेव महोत्सव की शुरुआत 2002 में तत्कालीन कलेक्टर सोनमणि बोरा ने की थी. कार्यक्रम आयोजन छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति एवं पर्यटन विभाग भोरमदेव महोत्सव आयोजन समिति, जिला प्रशासन, भोरमदेव तीर्थ प्रबंधकारिणी समिति और जनसहयोग से होता है.शुरुआत के दिनों में इस कार्यक्रम को तीन दिनों तक किया जाता था. कार्यक्रम में बॉलीवुड के बड़े-बड़े सिंगर, कॉमेडियन और कत्थक नृत्य छत्तीसगढ़ प्रदेश स्तरीय कलाकार छत्तीसगढ़ी सिंगर स्कूली बच्चे और आदिवासी बैगा नृत्य स्थानीय कलाकार अपनी प्रस्तुति देते थे. लेकिन धीरे-धीरे कार्यक्रम सिमटता गया. साल 2024 में आचार संहिता के कारण अनुमति मिलने में देरी हुई है.लिहाजा अब महज औपचारिकता निभाई जाएगी.