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अब पुराने मकान पर कनेक्शन लेने या नाम बदलने पर NOC की जरूरत नहीं, ऊर्जा विभाग ने जारी किया आदेश - POWER CORPORATION ORDER

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अंतर्गत आने वाले 19 जिलों के उपभोक्ताओं के लिए यह राहत भरी खबर है. अब मकान खरीदने पर नया कनेक्शन लगवाने या पुराने बिजली कनेक्शन पर अपना नाम चढ़ाने के लिए उपकेंद्र के चक्कर काटने की जरुरत नहीं.

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मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (photo credit- Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 23, 2024, 12:19 PM IST

लखनऊ:मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारौत ने उपभोक्ता हित में एक नया आदेश जारी किया है. इस आदेश के तहत अब ऐसे उपभोक्ताओं को विभागीय अधिकारी परेशान नहीं कर सकते, जिन्हें पुराने विद्युत कनेक्शन पर अपना नाम चढ़ावाना है. उनसे अनापत्ति प्रमाण पत्र या शपथ पत्र की डिमांड अब नहीं की जाएगी.

बता दें, कि उपभोक्ताओं को मकान खरीदने पर नया कनेक्शन लगवाने या पुराने बिजली कनेक्शन पर अपना नाम चढ़ाने के लिए उपकेंद्र के चक्कर लगाने पड़ते थे. अधिकारी उन्हें एनओसी या फिर शपथ प्रमाण पत्र के लिए दौड़ाते रहते थे. अब अधिकारी ऐसा नहीं कर पाएंगे. पावर कारपोरेशन की तरफ से इस व्यवस्था को अब समाप्त कर दिया गया है. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की तरफ से भी इसको लेकर आदेश जारी कर दिया गया है. नई व्यवस्था के तहत मकान के नए मालिक को अब बिजली कनेक्शन लेने या नाम परिवर्तन कराने के लिए पुराने मकान मालिक से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लेना होगा. इस तरह के कामों में उपभोक्ताओं की तमाम तरह की दिक्कतों को देखते हुए विभाग ने यह नई व्यवस्था लागू की है.

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अभी तक यह व्यवस्था थी, कि अगर कोई मकान मालिक अपना मकान बेचकर चला जाता है, तो नए मकान मालिक को उसी पुराने कनेक्शन पर अपना नाम चढ़वाने के लिए पुराने मकान मालिक से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर विभाग में जमा करना होता था, या फिर शपथ पत्र विभाग की तरफ से अनिवार्य किया गया था. अगर इनमें से नया मकान मालिक कुछ प्रस्तुत नहीं कर पाता था तो फिर उसे दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. तमाम तरह की शिकायतों के बाद पावर कारपोरेशन ने इस व्यवस्था को समाप्त करते हुए नई व्यवस्था के तहत किसी भी तरह के अनापत्ति प्रमाण पत्र या शपथ पत्र की आवश्यकता को खत्म कर दिया है.

इससे बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को राहत मिली है. पावर कॉरपोरेशन की तरफ से यह व्यवस्था प्रदेश के उपभोक्ताओं के लिए की गई है. मध्यांचल ने इस आदेश को एक बार फिर से जारी किया है, जिससे संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों को इसकी जानकारी फिर से हो जाए और वह किसी उपभोक्ता से इस तरह के दस्तावेज न मांगें.

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