देहरादून:उत्तराखंड में सड़क हादसों का वृहद इतिहास रहा है. इसी में आज अल्मोड़ा के सल्ट में हुआ सड़क हादसा भी जुड़ गया है. अल्मोड़ा के सल्ट में यात्रियों से भरी एक बस खाई में गिर गई. इस सड़क हादसे में अभी तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोगों के घायल होने की सूचना है. उत्तराखंड में सरकार सड़क हादसों को लेकर कितनी गंभीर है इसका अंदाजा प्रदेश की सड़कों की स्थिति से लगाया जा सकता है.
प्रदेश की सड़कों की स्थिति इतनी खराब है कि बीते सितंबर महीने सीएम धामी को खुद गड्ढा मुक्त सड़कों को लेकर निर्देश जारी करने पड़े थे. सीएम धामी ने 15 अक्टूबर तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की बात कही. जिसके लिए अधिकारियों को डेडलाइन तय की गई. इस पर भी तुर्रा ये कि ये इस निर्देश के बाद भी अधिकारियों की कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. इसके एक महीने बाद एक बाद फिर से सीएम धामी ने अधिकारियों को गंभीरत से गड्ढा मुक्त सड़कों को लेकर आदेशित किया. तब से लेकर इस मामले में क्या कुछ हुआ ये अभी तक सामने नहीं आया है. सीएम धामी ने भी इस मामले में इसके बाद शायद ही कोई बयान दिया हो.
ये सभी बातें इस वक्त इसलिए जरूरी हो जाती हैं क्योंकि अल्मोड़ा के सल्ट में जिस जगह ये बस हादसा हुआ है वहां की सड़क की स्थिति भी कुछ खास नहीं है. इस रोड पर भी जगह जगह गड्ढे हैं. हालांकि अभी तक अल्मोड़ा बस हादसे की वजह सामने नहीं आ पाई है. इसके बाद भी प्रदेश में सड़कों की स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत है. प्रदेश में सड़क हादसों की मुख्य वजह ओवर स्पीडिंग, ओवरलोडिंग, सड़कों के गड्ढे, तीव्र मोडो पर साइन बोर्ड का ना होना, ड्रिक एंड ड्राइव, ड्राइवर को नींद की झपकी आना है. सरकार के साथ ही संबंधित विभाग को समय समय पर प्रदेश की सड़कों की स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत है.
अल्मोड़ा बस हादसे की पहली वजह जो निकल कर सामने आ रही है वह ओवरस्पीडिंग दिख रही है. इसके बाद बस का ओवरलोड होना भी इस सड़क हादसे की दूसरी सबसे बड़ी वजह है. इसके बाद सड़क हादसे वाली जगहों पर पैराफिट और क्रैश बैरियर भी नहीं थे. अगर घटना वाली जगह पर ये होते तो बड़ा हादसा होने से रोका जा सकता था. इसके साथ ही यहां पर सड़क हादसे वाली जगह पर रोड की स्थिति भी कुछ खास नहीं हैं. यहां सड़कों पर गड्ढे हैं. जिस पर काम करने की जरूरत है.
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