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पूजा शर्मा के साहस को सलाम! 4 हजार से ज्यादा लावारिस लाशों का कर चुकी अंतिम संस्कार, नि:शुल्क करती हैं सेवा - पूजा शर्मा फरीदाबाद

Faridabad Pooja Sharma: साहस और धैर्य क्या होता है. पूजा शर्मा की कहानी को सुनकर आप इसका अंजादा लगा सकते हैं. दिल्ली की पूजा शर्मा दिल्ली एनसीआर में अभी तक 4 हजार से ज्यादा लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुकी हैं. ये काम पूजा निशुल्क करती हैं.

Faridabad Pooja Sharma
Faridabad Pooja Sharma

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 20, 2024, 1:54 PM IST

Updated : Jan 20, 2024, 2:12 PM IST

पूजा शर्मा के साहस को सलाम! 4 हजार से ज्यादा लावारिस लाशों का कर चुकी अंतिम संस्कार, नि:शुल्क करती हैं सेवा

फरीदाबाद: हिंदू धर्म में अगर कोई महिला या युवती श्मशान घाट चली जाए, तो उसे अशुभ माना जाता है. दिल्ली की पूजा ने इस मिथक को तोड़ते हुए बाकी लोगों के लिए मिसाल पेश की. दिल्ली की रहने वाली पूजा शर्मा इन दिनों फरीदाबाद में रह रही हैं. वो लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करती हैं. अभी तक पूजा शर्मा 4 हजार से ज्यादा लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुकी हैं. लाशों का अंतिम संस्कार करने के बाद पूजा उनकी अस्थियों को गंगा में विसर्जित करने के लिए महीने की हर अमावस्या को हरिद्वार जाती हैं.

इस दौरान जो भी खर्च होता है, पूजा अपने पास से वहन करती हैं. कुछ लोग पूजा शर्मा के इस काम की सराहना करते हैं, तो कुछ लोग उसे पागल भी बताते हैं. कई लोगों का कहना है कि पूजा शर्मा जब चलती हैं, तो उनके साथ भूतों का काफिला रहता है. इन सब तानों की परवाह ना करते हुए पूजा शर्मा दिल्ली एनसीआर में लावारिस लाशों का खुद अंतिम संस्कार करती हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत में पूजा शर्मा ने बताया कि मार्च 2022 में उनके भाई को किसी ने गोली मार दी. जिससे उनकी मौत हो गई. इसकी सूचना जब उनके पिता को लगी, तो वो इस हादसे को बर्दाश्त नहीं कर पाए और वो कोमा में चले गए. पूजा ने बताया कि वो लोगों से गुहार लगाती रही कि उसके भाई का अंतिम संस्कार कर दें, लेकिन रिश्तेदार और आसपास के लोग, कोई सामने नहीं आया. इसके बाद पूजा ने श्मशान घाट में अपने भाई का अंतिम संस्कार किया. उस दिन पूजा ने ये प्रण लिया कि वो हर लावारिस शव का अंतिम संस्कार करेंगी.

पूजा ने बताया कि वो लावारिस शवों का अंतिम संस्कार सनातन धर्म के अनुसार करती हैं. इस प्रक्रिया में जो भी खर्च आता है. वो खुद से वहन करती हैं. पूजा ने बताया कि उनके दादा आर्मी में थे, वो शहीद हो गए. अब उनकी पेंशन आती है. जिसमें से दादी पूजा को कुछ रुपये दे देती है. पूजा के पिता दिल्ली मेट्रो में काम करते हैं. वो भी पूजा को महीने में 10 से 15 हजार रुपये दे देते हैं. पूजा ने बताया कि प्रति दिन वो 12 से 15 लाशों का का अंतिम संस्कार करती हैं. अस्पताल के पोस्टमार्टम घर में जो भी लावारिस लाश आती है, तो डॉक्टर पूजा को सूचना दे देते हैं. जिसके बाद पूजा उनका अंतिम संस्कार करती है.

पूजा ने बताया कि उनके इस काम में उनके परिजन बहुत सपोर्ट करते हैं. पूजा ने बताया कि शुरुआती दौर में समाज से उसको ताने भी मिले, जिसमें लोगों ने कहा कि लड़की पागल हो गई है. ये लड़की जब चलती है, तो उसके पीछे आत्माएं चलती है. कुछ लोगों को पूजा का ये काम पसंद नहीं आया और उन्होंने उसपर हमला भी करवाया. जिसमें पूजा को फैक्चर हो गया था, लेकिन फिर भी पूजा नहीं डरी, पूजा ने कहा कि जब तक वो जिंदा है, तब तक ये काम करती रहेंगी.

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Last Updated : Jan 20, 2024, 2:12 PM IST

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