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झारखंड में एफआईआर की राजनीति तेज! बीजेपी ने की सीएम पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग, जानिए क्या मिला जवाब - सीआरपीएफ पर प्राथमिकी

Politics on FIR in Jharkhand. झारखंड में सीआरपीएफ और जेएमएम कार्यकर्ताओं पर हुए एफआईआर को लेकर राजनीति तेज हो गई है. एक तरफ बीजेपी सीएम हेमंत सोरेन पर भी एफआईआर करने की मांग कर रही है, वहीं दूसरी तरफ जेएमएम-कांग्रेस राज्यपाल के बयान पर हमलावर है.

Politics on FIR in Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 26, 2024, 7:05 PM IST

झारखंड में एफआईआर की राजनीति

रांची:20 जनवरी 2024 को ED की टीम द्वारा मुख्यमंत्री आवास पर हेमंत सोरेन के बयान दर्ज कराने के दौरान मुख्यमंत्री आवास के आसपास धारा 144 लगा होने के बावजूद मुख्यमंत्री द्वारा अपने कार्यकर्त्ताओं को संबोधित करने को लेकर मुख्यमंत्री पर प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की है.

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि राज्य में पदाधिकारी किस तरह सरकार के दवाब में काम कर रहे हैं इसका उदाहरण यह है कि CRPF पर केस किया जा रहा है और तीर धनुष लेकर पहुंचें उपद्रवियों पर हल्का धारा लगाया गया है, जबकि होना यह चाहिए था कि धारा 144 को तोड़ने के मामले में मुख्यमंत्री पर ही प्राथमिकी दर्ज होना चाहिए. भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कहा कि समय हर दिन एक समान नहीं होता है,यह बात राज्य के पदाधिकारियों को समझना चाहिए.

CRPF ने अपनी क्रेडिबिलिटी गंवाई- झामुमो:मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर प्राथमिकी दर्ज करने की भाजपा की मांग को हास्यास्पद बताते हुए झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोई 144 का उल्लंघन नहीं किया था, वह कोई मजमा लगाकर नहीं बल्कि अकेले बाहर निकले थे ताकि झामुमो के नेताओं कार्यकर्ताओं को समझा बुझाकर वापस घर जाने के लिये तैयार किया जा सके. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने CRPF पर प्राथमिकी को लेकर जिस तरह की बयानबाजी की है उससे पहले उन्हें बताना चाहिए था कि CRPF कैसे और किसके आदेश से बिना डीसी को जानकारी दिए मुख्यमंत्री आवास पहुंच गयी.

मुख्यमंत्री पर प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग को भाजपा का दोहरा चरित्र बताते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि बिना किसी सूचना के मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच जाने वाले CRPF किसके आदेश से मुख्यमंत्री आवास पहुंचीं. इसका जवाब राज्यपाल और भाजपा को देना चाहिए. राकेश सिन्हा ने कहा कि जब अपने कार्यकर्ताओं के बीच मुख्यमंत्री गए तो उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया.

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