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मसूरी में एमआरएफ सेंटर ठप, कूड़े का लगा अंबार - MRF CENTRE MUSSOORIE

मसूरी में एमआरएफ सेंटर बंद होने से सेंटर में कूड़े का अंबार लग गया है. स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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मसूरी में कूड़े का लगा अंबार (photo-ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 17, 2024, 10:19 PM IST

मसूरी: नगर पालिका द्वारा गीले और सूखे कूड़े के निस्तारण को लेकर मसूरी टिहरी बाइपास रोड स्थित आईडीएच बिल्डिंग के पास एक करोड़ रुपए की लागत से एमआरएफ केंद्र और बायो-मिथेन का निर्माण कराया गया था, जिसका शुभारंभ नवंबर 2023 में किया गया था, लेकिन वर्तमान में एमआरएफ सेंटर पर सूखे कूड़े का निस्तारण सही तरीके से नहीं हो पा रहा है, जिससे बायो-मिथेन प्लांट पूरी तरीके से ठप पड़ा हुआ है.

बायो मिथेन प्लांट पूरी तरीके से ठप होने के कारण गीले कूड़े का निस्तारण नहीं हो पा रहा है, जिससे एमआरएफ सेंटर के निचले वाले क्षेत्र में गीले कूड़े का ढेर लग गया है. गंदगी और बदबू से पूरा क्षेत्र बेहाल है. गीले कूड़े से निकलने वाली गैस से लोगों को बीमारी फैलने का भी खतरा हो गया है. साथ ही एमआरएफ सेंटर में सूखे कूड़े का अंबार लग गया है. कूड़े की बदबू से आसपास के लोगों का जीना दुश्वार हो गया है.

बता दें कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा एमआरएफ सेंटर को संचालित करने का काम KNOWASTE ENVIRONMENTAL SOLUTIONS LLP को ठेके पर दिया गया है, जबकि बायो-मिथेन प्लांट का मुस्कान एसोसिएट को दिया गया है, लेकिन एक साल का समय होने के बाद भी बायो-मिथेन प्लांट से ना तो बिजली बन पाई है और ना ही खाद्य बनी है. एमआरएफ सेंटर में भी काफी कमियां देखी जा रही है. वहां पर कर्मचारियों की संख्या काफी कम है, जबकि ठेकेदार द्वारा 22 कर्मचारी मौके पर बताए जा रहे हैं. वहीं, सूत्रों के अनुसार मात्र 8 लोग ही एमआरएफ सेंटर में कार्य करते हैं.

एमआरएफ सेंटर के संचालक ने बताया कि बुधवार को बिजली की कटौती होने के कारण एमआरएफ सेंटर में मशीन नहीं चल पाई हैं, जिससे सेंटर में कूड़े का ढेर लग गया है. एमआरएफ सेंटर में रोज 20 से 22 टन कूड़ा एकत्रित होता है, जिसमें से सूखे कूड़े को रोज सौ प्रतिशत निस्तारण कर दिया जाता है. वहीं, अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने बताया कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा मसूरी में गीले-सूखे कूड़े के निस्तारण को लेकर एमआरएफ सेंटर और बायो-मिथेन प्लांट का निर्माण करवाया गया है, जिसको लेकर सूखे कूड़े का निस्तारण रोज किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बायो-मिथेन का संचालन कर रही कंपनी को प्लांट शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, अगर प्लांट को जल्द शुरू नहीं किया जाता है, तो कार्रवाई की जाएगी.

बायो-मिथेन प्लांट लगने के बाद इससे बिजली का उत्पादन होना था और खाद्य बनाई जानी थी, लेकिन एक साल का समय होने के बाद पालिका को एमआरएफ सेटर और बायो-मिथेन प्लांट से एक रुपए की आय नहीं हो पाई है. वहीं, पालिका द्वारा दावा किया जा रहा था कि बायो-मिथेन प्लांट से 25केवी बिजली का उत्पादन होना था, जिससे पालिका की आय में वृद्धि होगी.

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