मुंगेली के एसपी गिरिजा शंकर जायसवाल का तबादला, कबूतर कांड से हुए थे चर्चित - pigeon case effect - PIGEON CASE EFFECT
मुंगेली के एसपी गिरिजा शंकर जायसवाल का ट्रांसफर किया गया है. कलेक्टर एसपी कॉन्फ्रेंस के बाद साय सरकार ने एसपी साहब का तबादला किया गया है. मुंगेली के एसपी पद से हटाकर उन्हें पुलिस हेडक्वार्टर रायपुर में तैनात किया है. बीते 15 अगस्त को कबूतर कांड की वजह से गिरिजाशंकर जायसवाल सुर्खियों में आए थे.
मुंगेली: मुंगेली में 15 अगस्त को कबूतर प्रकरण से चर्चा में आए एसपी गिरिजा शंकर जायसवाल का 14 सितंबर को तबादला कर दिया गया. उनकी नई तैनाती पीएचक्यू रायपुर में की गई है. गिरजाशंकर जायसवाल की जगह आईपीएस भोजराम पटेल को मुंगेली जिले का नया एसपी बनाया गया है.
गृह विभाग की तरफ से आदेश जारी: छत्तीसगढ़ गृह विभाग की तरफ से यह ट्रांसफर की लिस्ट जारी की गई है. मुंगेली के एसपी गिरिजा शंकर जायसवाल को पुलिस मुख्यालय रायपुर बुलाया गया है. जबकि आदेश में छत्तीसगढ़ सुरक्षाबल के सेनानी 15वीं वाहिनी के कमांडेंट रहे भोजराम पटेल को मुंगेली का नया पुलिस कप्तान बनाया गया है. 14 सितंबर को यह आदेश जारी हुआ है.
कबूतर कांड से सुर्खियों में आए थे एसपी गिरिजा शंकर जायसवाल: इस साल 15 अगस्त को कबूर कांड से मुंगेली के एसपी रहे गिरिजा शंकर चर्चा में आए. मुंगेली में स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम के दौरान शांति के प्रतीक कबूतर को उड़ाया गया. कलेक्टर और एसपी साहब दोनों ने कबूतर उड़ाया. इस दौरान एसपी साहब के तरफ से उड़ाया गया कबूतर बीमार होने की वजह से जमीन पर गिर पड़ा. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह जमकर चर्चा का विषय बन गया. जिसकी तुलना वेब सीरीज पंचायत से भी की गई.
एसपी ने कलेक्टर को लिखा था लेटर : स्वतंत्रता दिवस को कबूतर कांड के बाद से लगातार पूरे देश भर में कबूतर का न उड़ पाना चर्चा का विषय बन गया. इस मामले को लेकर एसपी गिरिजा शंकर ने जिले के कलेक्टर को पत्र लिखा था. यह पत्र भी बाद में मीडिया की सुर्खियां बना. इसको लेकर कई तरह की बातें भी बनी.
कलेक्टर एसपी कॉन्फ्रेंस के बाद हुआ तबादला: मुंगेली के एसपी का तबादले को हाल में हुए कलेक्टर एसपी कॉन्फ्रेंस से भी जोड़कर देखा जा रहा है. 12 और 13 सितंबर को रायपुर में सीएम विष्णुदेव साय ने कलेक्टर और एसपी कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. इसमें लॉ एंड ऑर्डर को लेकर कई जिलों के एसपी की क्लास भी लगी थी. हालांकि मुंगेली जिले के एसपी और कलेक्टर को लेकर किसी भी तरह की कोई शिकायत और नाराजगी जाहिर नहीं की गई थी. इस बीच अचानक कलेक्टर एसपी कॉन्फ्रेंस के अगले दिन यह ट्रांसफर ऑर्डर जारी हो गया. जिसके बाद प्रदेश के ब्यूरोक्रेट्स में खलबली मच गई.