लखनऊ: संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में फैसला लिया गया है कि ऐसे वाहन जिनको परमिट दिया गया है और यातायात नियमों का लगातार उल्लंघन करते हैं, उन पर अब सिर्फ चालान की कार्रवाई नहीं होगी, बल्कि परमिट निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी. परमिट निरस्तीकरण के लिए मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 86 के साथ ही अब धारा 122 और 126 के अंतर्गत किए गए चालानों को भी निरस्तीकरण की कार्रवाई में शामिल करने का फैसला लिया गया है. यानी अब इन धाराओं में परमिट रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी.
22 वाहनों का परमिट निरस्त करने के लिए यातायात विभाग की तरफ से पत्र भेजा गया था (फोटो क्रेडिट- ईटीवी भारत) संभागीय परिवहन प्राधिकरण के सचिव आरटीओ उदयवीर सिंह ने बताया कि संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में ऐसे वाहनों का प्रकरण विचार के लिए पेश किया गया था, जिनके चालकों या वाहन स्वामियों ने बार-बार यातायात नियमों का उल्लंघन किया था. यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले ऐसे 22 वाहनों का परमिट निरस्त करने के लिए यातायात विभाग की तरफ से पत्र भेजा गया था. इस पूरे प्रकरण पर विचार किया गया.
कई वाहन लगातार यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं (फोटो क्रेडिट- ईटीवी भारत) चारबाग रेलवे स्टेशन और बारबिरवां के आसपास ऐसे वाहन लगातार यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. संभागीय परिवहन प्राधिकरण की तरफ से मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 86 के अंतर्गत परमिटों को रद्द किए जाने और उनके निलंबन धारा 74 (2) के अंतर्गत ठेका गाड़ी को परमिट दिए जाने और शर्तों का अवलोकन किया. मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 122 के अंतर्गत वाहन को खतरनाक स्थिति में छोड़ने और धारा 126 के अंतर्गत खड़े यान और धारा 177 के अंतर्गत अपराधों के दंड के लिए साधारण उपबंध पर भी विचार किया गया.
उन्होंने बताया कि सूची में 22 वाहनों पर लगाए गए अभियोगों का परीक्षण किया गया. इन 22 वाहनों पर लगाए गए अधिकांश आरोप मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 122, 126 और 177 के थे. इन तीनों धाराओं में लगाए गए आरोप परमिट शर्तों के विरुद्ध उल्लंघन के आरोप से आच्छादित नहीं हैं. प्राधिकरण इन सभी 22 वाहनों के प्रति पाए गए चालानों के मामलों में कार्रवाई करेगा.
इसलिए यह फैसला लिया गया है कि प्राधिकरण की तरफ से यातायात प्रबंधन, नियंत्रण और जनहित को ध्यान में रखकर बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए प्राधिकरण की तरफ से निर्गत ठेका गाड़ी परमिट के खिलाफ धारा 86 की कार्रवाई के तहत धारा 122 और 126 के अंतर्गत बार-बार किए गए चालान के आरोप को भी समाविष्ट करने का फैसला लिया गया है.
प्राधिकरण के सचिव उदयवीर सिंह ने बताया कि वर्तमान में जिन वाहन स्वामियों या चालकों ने परमिट शर्तों और यातायात नियमों का बार-बार उल्लंघन किया उनके परमिट निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी.
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