देहरादूनः अल्मोड़ा वनाग्नि हादसा न केवल वन विभाग बल्कि राज्य सरकार के लिए भी बड़ी चिंता पैदा करने वाला है. मामले में वैसे तो पहले ही दो आईएफएस अधिकारियों को सस्पेंड किया जा चुका है और एक सीनियर आईएफएस अधिकारी को वन मुख्यालय में अटैच भी किया गया है. जबकि घटना में चार कर्मियों की मौत के बाद मुख्यमंत्री ने परिजनों के लिए 10-10 लाख के मुआवजे की घोषणा की है.
इस प्रकरण पर प्रमुख वन संरक्षक हॉफ धनंजय मोहन को जांच सौंप दी गई है और 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दे दिए गए हैं. उधर दूसरी तरफ प्रमुख वन संरक्षक हॉफ को भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जवाब तलब करते हुए उनसे वनाग्नि को लेकर हुई बैठकों में दिए गए निर्देशों को अमलीजामा पहना जाने से जुड़ी रिपोर्ट मांगी गई है. इसमें पूछा गया है कि अब तक जिन निर्देशों को दिया गया उनमें कितने काम प्रमुख वन संरक्षक हॉफ के स्तर पर करवाए गए और इनका क्या फॉलो अप किया गया.
इसके अलावा वन मुख्यालय के स्तर पर प्रदेश में 8 वन प्रभागों को छोड़कर बाकी सभी वन विभागों से कर्मचारियों का इंश्योरेंस कराए जाने से जुड़े निर्देश की रिपोर्ट मांगी गई है. सभी डीएफओ को 3 दिन के भीतर इसका जवाब देने के लिए कहा गया है.