अलवर:शहर के बीचोंबीच स्थित आरआर कॉलेज में रविवार को पैंथर की हलचल दिखाई दी. सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और सर्च अभियान शुरू किया. टीम को कॉलेज के रास्ते पर पैंथर के पगमार्ग मिले हैं. इसके बाद वनकर्मियों ने रविवार रात को क्षेत्र में निगरानी शुरू की. अगले दिन सोमवार सुबह वन विभाग की टीम को कॉलेज के रास्ते पर पैंथर के नए पगमार्ग मिले.
इसके बाद उसे पकड़ने के लिए सरिस्का से ट्रेंकुलाइज टीम बुलाई गई. यह टीम पैंथर को बेहोश कर पकड़ेगी. इसके बाद इसे सरिस्का के जंगल में छोड़ दिया जाएगा. अलवर वन मंडल के डीएफओ राजेंद्र कुमार हुड्डा ने बताया कि रविवार शाम को वन विभाग की टीम को आरआर कॉलेज में पैंथर आने की सूचना मिली थी. इसके बाद वन कर्मियों की टीम मौके पर पहुंची और आस पास के क्षेत्र में पैंथर के मूवमेंट को चेक किया.
राजेंद्र कुमार हुड्डा, डीएफओ (ETV Bharat Alwar) पढ़ें: कॉलेज में पैंथर के आने से दहशत, तलाश में जुटी वन विभाग की टीम
उन्होंने बताया कि शहर के बीच में बसे आरआर कॉलेज के दोनों तरफ करीब 50 हेक्टेयर का घना जंगल है. इस जंगल में बड़ी संख्या में नीलगाय, सांभर, बंदर सहित अन्य वन्य जीव है. साथ ही यहां पानी के भी कई संसाधन है. इसलिए यहां पैंथर के आने की संभावना थी. बाद में सर्च अभियान के दौरान सोमवार सुबह पैंथर के पगमार्क भी मिल गए. इससे कॉलेज परिसर में पैंथर के विचरण की पुष्टि हो गई. इसलिए अब उसका पता लगाकर उसे ट्रेंकुलाइज करने की कोशिश की जाएगी. इसके लिए सरिस्का टाइगर रिजर्व की ट्रेंकुलाइज टीम को मौके पर बुलाया गया है.
सरिस्का में छोड़ने की तैयारी: डीएफओ राजेंद्र हुड्डा ने बताया कि पैंथर को पकड़ने के लिए कैमरा ट्रैप मंगाए गए हैं. साथ ही कुछ पिंजरे भी मंगाए गए है, ताकि इसे जल्द से जल्द ट्रेंकुलाइज कर सरिस्का के जंगल में भेजा जा सके. डीएफओ हुड्डा ने बताया कि रविवार शाम को आरआर कॉलेज में टहलने के लिए जाने वाले लोगों को सबसे पहले पैंथर दिखाई दिया. हालांकि उनका यह भी कहना था कि पैंथर की एक झलक ही देखने को मिली. वह तेजी से एक गेट से निकलकर दूसरे गेट में जंगल के अंदर चला गया. इसके बाद वन कर्मियों की टीम लगातार पैंथर की मूवमेंट की तलाश कर रही है.