मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

मां से जल्दी अलग होने के चलते बाघिन नहीं सीख पाई शिकार के गुर, जंगल छोड़ रिहायशी क्षेत्र में जमाया डेरा - tigress not learn hunting skills - TIGRESS NOT LEARN HUNTING SKILLS

पन्ना टाइगर रिजर्व में एक बाघिन जंगल छोड़कर बार-बार रिहायशी इलाके में पहुंच रही है और किसानों के मवेशियों का शिकार कर अपना पेट भर रही है. दरअसल यह बाघिन पन्ना टाइगर रिजर्व की चर्चित बाघिन पी-234 का बच्चा है. जो जन्म लेने के कुछ दिन बाद ही मां से अलग हो गई. जिस वजह से वह शिकार के गुर नहीं सीख पाई. अब रिहायशी इलाके में डेरा जमाए हुए हैं. हालांकि वन विभाग की टीम ने बाघिन को रेस्क्यू कर लिया है.

TIGRESS NOT LEARN HUNTING SKILLS
रिहायशी क्षेत्र में घुसी बाघिन

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 2, 2024, 12:43 PM IST

Updated : May 2, 2024, 2:42 PM IST

रिहायशी क्षेत्र में घुसी बाघिन

पन्ना।मध्य प्रदेश काटाइगर रिजर्व जो देश दुनिया में बाघों की बढ़ती हुई संख्या के लिए विख्यात है. यहां लगातार बाघों की संख्या में इजाफा हो रहा है. यही कारण है कि यहां बाघों का दीदार करने के लिए दूर दराज से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पर्यटक आ रहे हैं. आलम ये है कि अब लोगों को राह चलते बाघों की अटखेलियां देखने को मिल रही हैं. बता दें की पन्ना टाइगर रिजर्व के हर बाघ-बाघिन की अपनी ही एक कहानी है, लेकिन आज हम जिस बाघिन की बात कर रहे हैं वह किसी फिल्मी दुनिया से कम नहीं है.

रिहायशी इलाकों में पहुंची बाघिन

मां से जल्दी अलग हो जाने की वजह से एक बाघिन शिकार के गुण नहीं सीख पाई. जिसके चलते अब वह रिहायशी इलाकों में गाय व भैंसों के शिकार पर निर्भर है. यही कारण है कि बाघिन का जंगल से मोह भंग हो गया है और वह बार-बार रिहायशी क्षेत्र में जा रही है. जिसको लेकर गांव के लोग तो दहशत में हैं ही, साथ ही पन्ना टाइगर रिजर्व की टीम भी सारे काम छोड़ कर इस बाघिन की निगरानी कर रही है.

बाघिन का हुआ रेस्क्यू

पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिन को आज पन्ना टाइगर रिजर्व के अमले ने रेस्क्यू कर एक बड़े पिंजरे में कैद कर लिया. बताया गया है कि अब इसे टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में छोड़ा जाएगा. बता दें कि लगभग एक माह से यह बाघिन रात्रि के वक्त जंगल से निकलकर गांव के आसपास खेतों खलिहानों और बाग बगीचों में पहुंच जाती थी. लगातार कई बार पन्ना टाइगर रिजर्व की टीम हाथियों के दल के साथ पहुंचकर इस बाघ को जंगल की ओर खदेड़ा जा चुका था. आज पन्ना टाइगर रिजर्व की टीम ने छह हाथियों के साथ मौके पर पहुंचकर ग्राम बराछ के पास बाघिन को घेर कर वन्य प्राणी चिकित्सक के द्वारा बेहोशी का इंजेक्शन देकर बेहोश होने के बाद बाघिन को एक बड़े पिंजरे में कैद कर लिया गया.

मवेशियों का शिकार कर रही बाघिन

हाथियों पर सवार हाथों में डंडा लिए पीटीआर की टीम जो आज गुरुवार सुबह से ही बाघिन का रेस्क्यू कर हांका लगा रही है. बता दें की पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिन पी-234(23) की एक बाघिन जन्म के बाद जल्दी ही अपनी मां से अलग हो गई. जिस कारण वह पूरी तरह अपनी मां से शिकार करने और जंगल में रहने के नियम नहीं सीखा पाई और जंगल को छोड़ पीटीआर से लगे क्षेत्र ग्राम बराछ एवं डोभा में किसानों के खेतों में रहकर उनके जानवरों का शिकार कर अपनी भूख मिटा रही थी.

Also Read:

हाथी रामबहादुर के पकड़े जाने के बाद फिर शुरू हुआ पर्यटन, 4 शवकों के साथ अटखेलियां करते दिखी बाघिन पी-151

पन्ना टाइगर रिजर्व से रोमांचित करने वाला वीडियो, बाघिन पी-151 के वयस्क शावक इस अंदाज में आए नजर

पन्ना में बाघिन ने दिया 2 शावकों को जन्म, अठखेलियां की तस्वीरें आईं सामने

रिहायशी इलाका बाघिन के लिए खतरा

हालांकि जानकारी लगने के बाद कई बार पीटीआर की टीम इस बाघिन का रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ चुकी है. लेकिन बार-बार यह बाघिन शिकार की तलाश में उक्त ग्राम में आकर अपना डेरा जमा रही है. फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि बाघिन के बार बार जंगल छोड़ कर रिहायशी क्षेत्र में आने से न केवल किसानों और उनके जानवरों को बल्कि खुद बाघिन को भी खतरा है. जिसके चलते उच्च अधिकारियों को भी इसकी जनकारी दी गई है कि यह बाघिन बार-बार रिहायशी क्षेत्रों में जा रही है. जिस वजह से इसका निर्णय लिया जाना चाहिए कि यह बाघिन जंगलों में रहने योग्य है या इसे कही और शिफ्ट किया जाना चाहिए.

बाघिन को शिफ्ट करने की तैयारी

हालांकि पीटीआर की टीम ने आज सुबह बाघिन का रेस्क्यू किया और हाथियों कि मदद से बाघिन को पुनः जंगल की ओर खदेड़ दिया. अब प्रबंधन उक्त बाघिन को लेकर उच्च अधिकारियों के आदेश का इंतिजार कर रहा है कि जल्द से जल्द निर्णय लेकर बाघिन को कही और शिफ्ट किया जा सके.

Last Updated : May 2, 2024, 2:42 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details