बाड़मेर.रुमा देवी फाउंडेशन और ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान की ओर से आयोजित दो दिवसीय वाणी उत्सव और 'दानजी स्मृति मारवाड़ भजनी' सम्मान समारोह का शनिवार को समापन हुआ. इसमें राजस्थान सहित देशभर से 200 भजन समूहों ने प्रस्तुतियां दी. स्थानीय जसदेर धाम पर शुक्रवार रात को कार्यक्रम का आगाज हुआ. इस कार्यक्रम के दौरान कलाकारों ने 25 घंटे से अधिक निरंतर वाणी गायन से अपनी प्रस्तुतियां दी. दानजी स्मृति मारवाड़ भजनी पुरस्कार वितरण में 4 श्रेणी के विजेताओं को एक लाख रुपए की राशी और वीणा वाद्य यंत्र भेंट किए गए.
पांचला सिद्धा पीठ के महंत सूरजनाथ महाराज ने वाणी उत्सव के दूसरे दिन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वीणा की ध्वनी बड़ी सात्विक होती है. वाणी गायन परम्परा और अध्यात्म का गहरा संबंध है. वाणियों में योग की अनुभूतियों का वर्णन है. वाणियों को चित लगा के सुनने से मन एकाग्र होकर समाधि अवस्था में जाने लगता है. उन्होंने बताया कि रैदास, मीरा, कबीर, शैख फरीद आदि की वाणी को जन जन तक पहुंचा कर संस्कृति की रक्षा संभव है. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम ने कहा कि ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान की ओर से दान सिंह सहित अन्य वाणी गायकों की वाणी को संरक्षित किया गया है. ये भावी पीढ़ी को दिशा प्रदान करने का कार्य करेगी. उन्होंने वाणी कलाकारों को मंच प्रदान करने के लिए रुमा देवी का आभार व्यक्त किया.