कोटा: दीपावली त्योहार पर संभाग में डेढ़ सौ करोड़ रुपए आतिशबाजी में खर्च हुए हैं. इसके साथ ही करीब 100 से ज्यादा लोग आतिशबाजी के कारण झुलस भी गए. इनमें से अधिकांश की आंखों पर रोशनी या पटाखे से चोट लगी है. तीन दर्जन से ज्यादा मरीज कोटा मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में पहुंचे हैं, जबकि शेष का निजी और अन्य जिला अस्पतालों में उपचार कराया गया.
कोटा मेडिकल कॉलेज में सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. नीरज देवेंदा ने बताया कि कॉलेज के नए अस्पताल में पटाखों से झुलसने के 10 मामले आए हैं. इनमें तीन-चार बच्चे हैं, जबकि 7-8 युवा हैं. अधिकांश के चेहरे और हाथ झुलस गए. ज्यादातर बच्चे अनार चलाने के दौरान झुलसे हैं.
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डॉ देवेंद्र ने बताया कि एमबीएस अस्पताल में करीब 30 मरीज इमरजेंसी और ओपीडी में पहुंचे हैं. इनमें ज्यादातर बच्चे और युवा ही हैं. इनको भी चेहरे और हाथ पर चोट लगी थी. ये लोग अनार, चकरी, बम और दीया जलाने के दौरान झुलस गए. इनमें केवल एक बालिका को एमबीएस अस्पताल में भर्ती किया गया है.
सोते समय बालिका की छाती पर आकर गिरा पटाखा:डॉ. देवेंदा ने बताया कि बारां जिले के किशनगंज की 11 वर्षीय बालिका को अस्पताल में भर्ती किया गया है. बालिका अपने घर के आंगन में सो रही थी. उसी समय उसकी छाती पर बम पटाखा आकर गिरा. इससे उसकी छाती और पेट का हिस्सा झुलस गया. उसे पहले बारां के अस्पताल ले जाया गया. वहां से कोटा रैफर कर दिया गया. जहां पर बर्न यूनिट में भर्ती किया गया है.