रांची: झारखंड में ओबीसी सर्वे फरवरी 2025 तक पूरे कर लिए जाएंगे. मध्य प्रदेश की तर्ज पर पिछड़ा वर्गों के लिए बना राज्य आयोग इन दिनों नगर निकाय क्षेत्र में ओबीसी वर्ग के लोगों का डोर-टू-डोर सर्वे कराने में जुटा है. राज्य सरकार इस पर 3 करोड़ 27 लाख रुपए खर्च कर रही है.
आयोग के सदस्य सचिव कृष्ण कुमार सिंह के अनुसार सर्वे कार्य अंतिम चरण में है और जिला स्तर पर सभी शिकायतों का निष्पादन के बाद जनवरी में आयोग कार्यालय तक रिपोर्ट आ जाएगा. जिलों में सर्वे कार्य जारी है और इसे पूरा होने के बाद आयोग के सदस्य के द्वारा इसकी वास्तविकता जानने के लिए जिलों का भ्रमण किया जायेगा.
आईआईएम या संत जेवियर्स सर्वे कार्य को देंगे अंतिम रूप
जिलों से ओबीसी सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद आयोग द्वारा फाइनल रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी किसी एजेंसी को दिए जाने की तैयारी की जा रही है. संभावना है कि आईआईएम या संत जेवियर्स जैसी प्रतिष्ठान को यह जिम्मेदारी मिले. संस्थान द्वारा तैयार सर्वे रिपोर्ट तत्पश्चात सरकार को सौंपी जाएगी. ये सारी प्रक्रिया पूरी होने में करीब एक महीना और लगेगा. इस तरह से फरवरी के अंत तक तक ओबीसी की गणना करने में सरकार सफल होगी.
बगैर अध्यक्ष कैसे जारी होगा ओबीसी सर्वे रिपोर्ट
पिछड़ा वर्गों के लिए बने राज्य आयोग अध्यक्ष विहीन है. ऐसे में ओबीसी सर्वे रिपोर्ट जारी करना बेहद ही मुश्किल है. संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही आयोग को नया अध्यक्ष मिल जाएगा जिससे ओबीसी सर्वे का फायनल रिपोर्ट का रास्ता साफ हो जाएगा. आयोग में वर्तमान समय में सिर्फ दो सदस्य हैं जिनके भरोसे कामकाज चल रहा है.