केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग जयपुर.केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर पिछले 21 दिन से आंदोलन कर रहे भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज का रैलवे ट्रैक को जाम करने का निर्णय स्थगित हो गया है. मंगलवार को आरक्षण संघर्ष समिति की सरकार के साथ हुई सकारात्मक वार्ता के बाद ये निर्णय लिया गया. सरकार ने संघर्ष समिति को आश्वस्त किया कि अगले तीन दिन में केंद्र सरकार के साथ उनकी वार्ता कराएंगे, साथ ही राज्य सरकार के स्तर पर जो भी कमी होगी उसे पूरा किया जाएगा. हालांकि, संघर्ष समिति के अध्यक्ष नेम सिंह फौजदार ने कहा कि बाकी घोषणा धरना स्थल पर समाज के बीच होगी, लेकिन कल का रैलवे ट्रैक जाम का निर्णय स्थगित किया गया है.
ये बनी सहमति :जाट आरक्षण संघर्ष समिति के साथ हुई सकारात्मक वार्ता के बाद मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि जाट समाज की मांगों को लेकर प्रदेश की भजनलाल सरकार गंभीर है. समाज की मांगों को पूरा करने के लिए जो भी कानूनी सुझाव है, सरकार उनपर अमल कर रही है. समाज की जो मांग है उसपर तीन दिन की सहमति बनी है. इन तीन दिनों में राज्य सरकार की मंत्री समूह की कमेटी आरक्षण संघर्ष समिति कि केंद्र सरकार के साथ वार्ता करवाएगी और भरतपुर - धौलपुर जिले के जाट समाज को ओबीसी में आरक्षण मिले, इसको लेकर मजबूती से पक्ष भी रखेगी. इसके साथ ही अन्य दो मांगों पर भी सहमति बन गई है, कानूनी रूप से जो सकारात्मक निर्णय इन मांगों में लिए जा सकेंगे वह सरकार लेगी.
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सरकार के साथ वार्ता सकारात्मक : आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष नेम सिंह फौजदार ने कहा कि सरकार के साथ वार्ता हुई है, वह सकारात्मक रही है. सरकार की बातचीत से लग रहा है कि वह जाट समाज की मांगों को लेकर गंभीर है और उन्हें पूरा करना चाहती है. किसी भी आंदोलन में वार्ता का रास्ता हमेशा बना रहना चाहिए, इसीलिए आज हम वार्ता के लिए आए हैं. सरकार ने आश्वस्त किया है कि तीन दिन में केंद्र सरकार से समय लेकर आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक कराएगी. साथ ही भरतपुर-धौलपुर जिले के जाट समाज को ओबीसी के तहत केंद्र सरकार में भी आरक्षण मिले, इसको लेकर मजबूती से पैरवी भी करेंगे.
रैलवे ट्रैक जाम स्थगित : फौजदार ने कहा कि सरकार के साथ हुई वार्ता के बाद संघर्ष समिति का जो भी निर्णय है वह धरना स्थल पर पहुंचने के बाद समाज के लोगों के बीच में लिया जाएगा, लेकिन बुधवार को दिल्ली मुंबई रेलवे ट्रैक को जाम करने का निर्णय था, वह स्थगित किया जाता है. आगे जो भी निर्णय लेने हैं वह धरना स्थल पर लिए जाएंगे, वहीं पर घोषणा होगी. इसके साथ ही पूर्व में आंदोलन के दौरान लगे मुकदमा को वापस लेने और 56 युवाओं के चयन के बाद नियुक्ति के मामले पर भी सरकार ने आश्वस्त किया है.
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ये हैं तीन मांगें: दरअसल, राजस्थान के दो जिले धौलपुर और भरतपुर के जाट समाज को केंद्र सरकार में आरक्षण नहीं मिल रहा है. इन जिलों के जाट समाज को केंद्र में ओबीसी आरक्षण मांग सहित तीन मांगों को लेकर पिछले 21 दिन से जयचोली गांव में महापड़ाव डाले हुए हैं. दो अन्य मांगों में समाज 56 युवाओं को चयन के बावजूद अब तक शिक्षक, शारीरिक शिक्षक समेत अन्य पदों पर नियुक्ति नहीं मिली है, उन्हें नियुक्ति दी जाए. इसके साथ वर्ष 2017 के आंदोलन के दौरान समाज के युवाओं और लोगों के खिलाफ जो पुलिस में मामले दर्ज हुए हैं, उन्हें हटाए जाने की मांग शामिल है.