नूंह:हरियाणा के नंह जिले का नगीना तिजारा रोड. ये वो रोड है जो हरियाणा और राजस्थान को जोड़ता है. इस सड़क के निर्माण के लिए कई सरकारों ने घोषणाएं तो की. हालांकि अब तक इस सड़क का काम पूरा नहीं हो पाया. साल 2018 में काफी जद्दोजहद के बाद इस सड़क का निर्माण शुरू तो हुआ, लेकिन कोरोना के कारण फरवरी 2020 से काम को रोक दिया गया था. इसके बाद 2024 के जुलाई माह में इस सड़क का टेंडर जारी किया गया. एक कंपनी को इसके निर्माण का ठेका तो दिया गया. हालांकि काम अब नहीं हुआ है.
लोगों में नाराजगी:हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली नगीना-तिजारा रोड परियोजना ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है. बंटवारे के बाद से राजस्थान और हरियाणा में बसे मेवात के लोग नगीना-तिजारा सड़क बनाने की मांग करते आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश का जैन समाज भी आवाज उठाता आ रहा है, क्योंकि तिजारा में जैन समाज का ऐतिहासिक प्राचीन जैन मंदिर है. यहां दर्शन करने के लिए जैन समुदाय के लोगों को 50-60 किलोमीटर की दूरी तय करके जाना पड़ता है. यही कारण है कि बार-बार सड़क का काम अटकने से यहां के लोगों में खासा नाराजगी है.
सड़क को लेकर सालों से हो रहा आंदोलन:जानकारी के मुताबिक इस सड़क को बनाने के लिए मेवात आरटीआई मंच और चौधरी मौजी खान फाउंडेशन ने साल 1999 में 7 अक्टूबर को धरना प्रदर्शन किया था. बीते 11 सितंबर से सांकेतिक आंदोलन नगीना के गोरवाली चौक में सड़क निर्माण और नगीना को उपमंडल बनाने के लिए किया जा चुका है. नगीना-तिजारा सड़क निर्माण के लिए 20 साल से अभियान चलाने वाले राजुद्दीन ने बताया कि 1 जून 2011 को पहली बार हरियाणा प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नगीना-तिजारा रोड को बनाने का ऐलान किया था. इसके बाद विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने दूसरी बार 6 अगस्त 2014 को घोषणा की, लेकिन कांग्रेस सरकार रहते हुए वो इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं करा पाए.
कानूनी पेंच में फंसा है काम:राजुद्दीन ने आगे कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद 4 दिसंबर 2015 को तीसरी बार मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नगीना-तिजारा रोड बनाने की घोषणा की. साल 2016 -17 में इसके लिए 21 करोड़ रुपए भी मंजूर किए गए थे. कई साल बीतने के बाद 2018 में टेंडर होते ही अगस्त में निर्माण कार्य भी शुरू हो गया था. हालांकि कोरोना के कारण फरवरी 2020 में काम को रोक दिया गया. इसके बाद साल 2024 में जुलाई माह को सड़क का टेंडर जारी किया गया. हालांकि काम कानूनी पेंच और सरकार की लेटलतीफि के कारण अटका हुआ है.