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JEE MAIN: 100 परसेंटाइल के लिए 11 लाख नहीं 1.21 लाख के बीच होता है कम्पीटिशन!

जेईई मेन प्रवेश परीक्षा में विद्यार्थी को मिली 'परसेंटाइल' उसके अर्जित अंकों का मूल्यांकन नहीं है. यह कहना है कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का. उनका कहना है कि एनटीए जिस तरह से परसेंटाइल तय करती है, यह दोषपूर्ण है. पढ़िए पूरी खबर...

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 6, 2024, 4:39 PM IST

Updated : Mar 6, 2024, 6:09 PM IST

JEE MAIN Percentile
JEE MAIN Percentile

कोटा.देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईईमेन की परसेंटाइल को लेकर काफी असमंजस है. इसके आंकलन पद्धति को लेकर विद्यार्थियों, अभिभावकों और एक्सपर्ट में असंतुष्टता का भाव है. इस बार भी परसेंटाइल को लेकर काफी विवाद हुआ था. कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि जिस तरीके से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी परसेंटाइल तय करती है, यह दोषपूर्ण है. यह विद्यार्थी की योग्यता का ठीक आंकलन नहीं होता.

देव शर्मा ने बताया कि जेईई मेन 2024 के जनवरी अटेम्प्ट में 11.70 लाख विद्यार्थी शामिल हुए हैं. परीक्षा 10 शिफ्टों में आयोजित हुई, जिसके अनुसार औसतन 1.21 लाख विद्यार्थी शामिल हुए हैं. प्रत्येक शिफ्ट में एक या एक से अधिक विद्यार्थियों ने 100 परसेंटाइल प्राप्त किया, यानी कुल मिलाकर विद्यार्थी की प्रतिस्पर्धा स्वयं की शिफ्ट में शामिल औसतन 1.21 लाख विद्यार्थियों से हो रही है, न की परीक्षा में सम्मिलित कुल 11.70 लाख विद्यार्थियों से है. इस बार भी 23 विद्यार्थियों ने 100 परसेंटाइल स्कोर प्राप्त किया है.

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शिफ्ट के अनुसार तय होता है परसेंटाइल :देव शर्मा ने बताया कि जेईई मेन प्रवेश परीक्षा में विद्यार्थी को मिली 'परसेंटाइल' उसके अर्जित अंकों का मूल्यांकन नहीं है. प्रवेश परीक्षा कई दिनों तक और कई शिफ्ट में होती है. परसेंटाइल की गणना भी शिफ्ट के अनुसार ही की जाती है, जिसमें शिफ्ट में अधिकतम अंक लाने वाले विद्यार्थी को 100 परसेंटाइल दिया जाता है. परसेंटाइल के मामले में यह तथ्य मायने नहीं रखता कि विद्यार्थी ने कितने अंक अर्जित किए हैं, लेकिन यह मायने रखता है कि उसकी शिफ्ट में शामिल विद्यार्थियों में उसने कितने विद्यार्थियों से अधिक अंक अर्जित किए हैं.

यह परसेंटाइल भाग्य पर भी निर्भर :देव शर्मा का कहना है कि 'परसेंटाइल' उस शिफ्ट में उपस्थित विद्यार्थियों के सापेक्ष बौद्धिक स्तर का ही मापन है. यदि किसी शिफ्ट में सम्मिलित विद्यार्थियों का औसत बौद्धिक स्तर कम है तो कम अंकों पर कम बौद्धिक स्तर के विद्यार्थी को भी बेहतर परसेंटाइल मिल जाएगा, लेकिन यदि किसी शिफ्ट में सम्मिलित विद्यार्थियों का औसत बौद्धिक स्तर अच्छा है तो अधिक अंक लाने पर भी विद्यार्थी को कम परसेंटाइल प्राप्त होगा. यह 'परसेंटाइल' योग्यता पर ही नहीं भाग्य पर भी निर्भर करता है.

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नीट यूजी की तरह एक शिफ्ट में क्यों नहीं हो रहा एग्जाम :देव शर्मा ने बताया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी में 18 लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल होते हैं. इसका आयोजन एक ही दिन में होता है. ऐसा इसलिए किया जाता है कि शिफ्टवार अलग-अलग अंकों पर अलग-अलग परसेंटाइल का झंझट नहीं हो और प्रतिस्पर्धा में एकरूपता बनी रहे. विद्यार्थियों की योग्यता का सही आंकलन हो इसके लिए जेईई मेन प्रवेश परीक्षा में भी एकरूपता लाने के प्रयास करने चाहिए. ऑनलाइन आयोजन के लिए संसाधनों को बढ़ाना होगा और नीट यूजी और जेईई एडवांस्ड की तर्ज पर एक ही दिन में परीक्षा का आयोजन करना होगा.

Last Updated : Mar 6, 2024, 6:09 PM IST

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