लखनऊ :जरा सोचिये! अगर रेलवे के टिकट की ही तरह किसी भी जिले से आप अपने बेटे-बेटी का जन्म प्रमाण पत्र भी बनवा सकें. इसके लिए ज्यादा इंतजार भी न करना पड़े और सिर्फ तीन-चार घंटे में ही सर्टिफिकेट आपके पास हो. यकीकन, आपको विश्वास नहीं होगा क्योंकि आम लोग इस प्रमाणपत्र के लिए नगर निगम के चक्कर लगाते हैं और फिर जाकर उनको प्रमाण पत्र मिलता है. लेकिन इस परेशानी से अब छुटकारा मिलने वाला है. आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में यह व्यवस्था लागू होने जा रही है, जिसमें आप किसी भी जिले से जन्म प्रमाण पत्र बनवा सकेंगे. नगर विकास विभाग ने इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है. साफ्टवेयर तैयार होते ही यह राज्य के हर नगर निगम में लागू कर दिया जाएगा.
जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए लगाने पड़ते हैं चक्कर :आमतौर पर जब किसी को अपने बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र या फिर परिवार में किसी का निधन होने पर मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना होता है तो अपने ही जिले के नगर निगम में जाकर आवेदन करना होता है. जांच के उपरांत वहां से प्रमाणपत्र जारी भी किया जाता है. इतना ही नहीं, आवेदकों को नगर निगम के कई चक्कर भी लगाने पड़ते है. कई बार लोगों से घूस भी मांगी जाती है. ऐसे में लोगों की सहूलियत के लिए नगर विकास विभाग नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है.
किसी भी जिले में कर सकेंगे सर्टिफिकेट के लिए आवेदन :यूपी के नगर विकास मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा के मुताबिक, जैसे असम के किसी भी रेलवे स्टेशन में जाकर व्यक्ति लखनऊ से कानपुर का ऑफलाइन टिकट बनवा लेता है, वैसी ही व्यवस्था नगर निगम में शुरू की जाएगी. मंत्री ने बताया कि हम हर जिले के नगर निगम में एक ऐसी खिड़की खोलेंगे, जहां व्यक्ति किसी अन्य नगर निगम के लिए भी जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकेगा. इसके लिए उसे अपने जिले के नगर निगम में जाने कि जरुरत नहीं होगी .
3-4 घंटे में ही बनाकर दिया जाएगा सर्टिफिकेट :नगर विकास मंत्री ने बताया कि विभाग सिर्फ आवेदन करने की ही सुविधा नहीं दे रहा है बल्कि उसे प्रमाण पत्र भी उसी खिड़की से दिया जाएगा, वह भी तीन से चार घंटे के अंदर. बताया कि आवेदन करते समय खिड़की में मौजूद कर्मी आवेदक को एक तय समय बताएगा, जो तीन से चार घंटे के बाद का हो सकता है. उसके बाद आवेदक वहां से अपना प्रमाण पत्र ले सकेगा. हालांकि इसकी जांच बाद में होती रहेगी.
कैसे करेगा काम
- हर नगर निगम में एक खास खिड़की जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए होगी.
- हर नगर निगम को नेटवर्क के जरिये एक साथ जोड़ा जाएगा.
- नगर निगम का कर्मचारी सम्बंधित नगर निगम को तत्काल फाइल ऑनलाइन ट्रांसफर कर देगा.
- फाइल चेक कर सम्बंधित नगर निगम का जिम्मेदार अफसर डिजिटल साइन कर उसे वापस उसी नगर निगम को भेज देगा जहां आवेदन किया गया था.
- सबंधित नगर निगम आगे की जांच जारी रखेगा, यदि अप्लीकेशन में त्रुटि मिलती है तो आवेदक से उसे सही करवाने के लिए कहा जाएगा.
- यदि आवेदक ठीक नहीं करवाता है या जाली दस्तावेज जमा करता है तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई भी की जाएगी.
अब तक क्या है व्यवस्था
- जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदक को जन्म या फिर मृत्यु होने के 21 दिन के अंदर अपने जोनल ऑफिस जाना होता है.
- जोनल ऑफिस में हॉस्पिटल द्वारा दिया गया बर्थ सर्टिफिकेट या फिर घर में जन्म होने की स्थति में पार्षद द्वारा लिखित पत्र जमा करना होता है.
- यदि मृत्यु अस्पताल में हुई तो वहां से मिला डेथ सर्टिफिकेट, दुर्घटना में हुई मौत की स्थिति में पोस्टमार्टम रिपोर्ट, घर में हुई मृत्यु की स्थिति में पार्षद द्वारा जारी किए गए पत्र को जमा करना होगा.
- इस स्थति में करीब दो हफ्तों बाद प्रमाण पत्र जारी किया जाता है.
- यदि आवेदक जन्म या मृत्यु के 21 दिन बाद प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करता है तो काफी दौड़ना पड़ता है.
- 21 दिन बाद आवेदन करने पर SDM से लेकर नगर निगम की रिपोर्ट लगती है.
- इसके बाद करीब 20 से 30 दिनों में सर्टिफिकेट जारी होता है.
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