नई दिल्ली: कथित ठग संजय प्रकाश राय ऊर्फ संजय शेरपुरिया को ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने शेरपुरिया को नोटिस जारी किया है. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को करने का आदेश दिया. ट्रायल कोर्ट ने 23 मार्च को संजय शेरपुरिया को जमानत दी थी. ट्रायल कोर्ट के इसी आदेश को ईडी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. ईडी ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने इस आधार पर जमानत दी है कि सीबीआई के मामले में संजय शेरपुरिया को जमानत मिल चुकी है. ईडी ने कहा है कि ईडी की जांच सीबीआई की जांच से अलग है.
ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान संजय शेरपुरिया की ओर से पेश वकील नीतेश राणा ने कहा था कि यह कानून सम्मत नहीं है कि ईडी ने उत्तर प्रदेश में हुए अपराध की जांच की. इसमें एफआईआर लखनऊ में दर्ज किया गया है. इस बात के कोई साक्ष्य नहीं हैं कि अपराध दिल्ली में हुआ है. उन्होंने कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने तथ्यों पर विचार किए बिना ही मामले पर संज्ञान लिया है. संज्ञान लेने का आदेश सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों के विपरीत है.
राणा ने कहा था कि ईडी ने प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय मंत्रियों और उच्च पदस्थ नौकरशाहों का नाम लेकर केवल हवा बनाने का काम किया है. ऐसा कर ईडी कोर्ट को भ्रमित करना चाहती है. उन्होंने कहा था कि एक ही शिकायत के आधार पर ईडी के लखनऊ जोन में भी जांच चल रही है और दिल्ली में भी. ऐसा करना गैरकानूनी है.
संजय प्रकाश राय ने इस मामले में रुपये हासिल किए 12 करोड़ःED की शिकायत में कहा गया है कि संजय प्रकाश राय ने इस मामले में 12 करोड़ रुपये हासिल किए हैं. इन 12 करोड़ में से 6 करोड़ रुपये डालमिया ट्रस्ट की ओर से यूथ रूरल आंत्रप्रेन्योर फाउंडेशन ( वाईआरईएफ) में आए हैं. जबकि, 6 करोड़ रुपये गौरव डालमिया ने नकद दिए हैं. ईडी के मुताबिक संजय शेरपुरिया ने शिप्रा इस्टेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मोहित सिंह से भी फर्जीवाड़ा कर एक करोड़ रुपये यह कहकर ठग लिए कि वो लखनऊ में जमीन की बिक्री में अच्छी डील करवा देगा.