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नोएडा पुलिस ने लोन का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, 9 आरोपी गिरफ्तार - Noida cheater gang exposed - NOIDA CHEATER GANG EXPOSED

नोएडा में पुलिस ने लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस मामले में गैंग के सरगना सहित 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

नोएडा में ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
नोएडा में ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 1, 2024, 7:01 PM IST

नोएडा पुलिस ने ठगी करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश (ETV BHARAT)

नई दिल्ली/नोएडा:राजधानी दिल्ली से सटेनोएडा मेंलोन दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. सेक्टर-63 पुलिस ने इस मामले में शनिवार को सरगना सहित 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों द्वारा अब तक 200 से अधिक लोगों के साथ ठगी करने की बात कही जा रही है. कई खातों को पुलिस ने फ्रीज कराया है.

एडीसीपी सेंट्रल जोन हृदेश कठेरिया ने बताया कि 30 मई को सेक्टर-68 निवासी एक महिला ने बताया कि पांच मई को एक व्यक्ति उसके पास आया और कहा कि उसके पत्नी की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है. उस व्यक्ति ने यह भी कहा कि उसने अपने मित्र से पैसे मंगाए हैं, लेकिन उसका बैंक खाता न होने के कारण वह पैसा भेज नहीं पा रहा है. उस व्यक्ति के कहने पर महिला ने अपने खाते में पैसा मंगवा लिया और मनी ट्रांसफर की दुकान पर जाकर उसके पैसे निकालकर दे दिए. कुछ समय बाद महिला का खाता फ्रीज हो गया.

बैंक जाकर जब महिला ने जानकारी की तो पता चला कि पांच मई को उसके खाते में ठगी की रकम आई थी. इसलिए खाते को बिहार की साइबर क्राइम पुलिस की टीम ने फ्रीज कर दिया है. इसके बाद ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए थाना प्रभारी की अगुवाई में एक टीम गठित की गई. टीम ने सूचना के आधार पर शनिवार को बिहार के नालंदा निवासी शिवकुमार वर्मा, रवि सागर, कुरूमुर्ति, प्रकाश कुमार, शेखर यादव, श्रीकांत, राजशेखर, वेंकटेश और साई कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. शिव कुमार के अलावा अन्य सभी आरोपी तेलंगाना के अलग जिलों के रहने वाले हैं. शिव कुमार वर्मा गिरोह का सरगना है. सरगना ने ठगी के लिए सेक्टर-70 स्थित बसई और दिल्ली के द्वारिका में ऑफिस खोला हुआ था.

ऐसे करते थे ठगी: गिरोह में शामिल आरोपी डाटा से लोन के जरूरतमंद लोगों को कॉल करके फाइल चार्ज सहित अन्य चार्ज के बहाने पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लेते थे, तथा बाद में उस पैसे को सभी लोग मिलकर निर्धारित हिस्सों में बांट लेते थे. ठगी के पैसों का 12 प्रतिशत खाताधारक को, 40 प्रतिशत कॉल करने वाले को और बाकी का 48 प्रतिशत पैसा आरोपी शेखर यादव व सरगना शिवकुमार के पास रह जाता था. आरोपियों के कब्जे से जो पैसे बरामद हुए हैं, वह ऑनलाइन ठगी के हैं. यह रकम गिरोह के सदस्यों में बंटने के लिए रखी गई थी.

तेलंगाना के लोग होते थे निशाने पर:सरगना के निशाने पर तेलंगाना के लोग होते थे. इसके लिए उसने गिरोह में सिर्फ तेलंगाना के युवकों को शामिल किया. युवक भी ऐसे जो बेरोजगार हों और उन्हें तकनीक की अच्छी समझ हो. वहां के लोगों को हिंदी अच्छी नहीं आती पर तमिल में पूरी कमांड रहती है. जब वह तेलंगाना के लोगों को कॉल करते थे, तो वहां के लोग इसपर ध्यान भी नहीं देते की कॉल उसे ठगी करने के लिए की गई है. जितने भी आरोपी गिरफ्त में आए हैं, सभी की आयु 21 से 30 साल के बीच है. पुलिस आरोपियों का आपराधिक इतिहास पता कर रही है.

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