जमुई: बिहार के जमुई में दिल को झकझोर देने वाली एक खबर सामने आई है. जहां एक नवजात का शव टॉयलेट में मिला. मामला जमुई सदर अस्पताल का है. नवजात बच्ची के शव को सदर अस्पताल के शौचालय में टॉयलेट सीट के अंदर ठूंस दिया गया था. हालांकि यह पता नहीं चल पाया कि आखिर किसने अपने बच्चे को टॉयलेट में फेंक दिया था.
सरकारी अस्पताल के टॉयलेट में नवजात का शव :बताया जाता है कि अस्पताल के सफाई कर्मियों ने जब शव को देखा तो हड़कंप मच गया. इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन को दी गई. शव टॉयलेट के अंदर फंसा था. लेकिन अस्पताल के स्वीपर को शव निकालने में कई घंटे लग गए. शव को निकालने के दौरान बच्चे का शव धर से अलग हो गया.
बाहर निकालने में बच्चे का सिर धड़ से अलग : इसके बाद स्वीपर ने टॉयलेट को तोड़कर बच्ची का सिर बाहर निकाला. लेकिन शव को कूड़ेदान में फेंक दिया. बाद में शव को एक कार्टन में रखा गया और टॉयलेट में ताला लगा दिया गया है. इस घटना को देख अस्पताल के डॉक्टर, कर्मचारी और अस्पताल में मौजूद मरीज को झकझोर कर रख दिया.
शव को बाहर निकालने में 3 घंटे लग गए :सदर अस्पताल के सफाईकर्मी पवन ने बताया की नवजात का शव सदर अस्पताल के टॉयलेट में मिला था और वो टॉयलेट सीट के अंदर फंसा था. सीट को तोड़कर शव बाहर निकालना पड़ा. नवजात का शव निकालने में तीन घंटे से ज्यादा लग गए.
"एक नवजात बच्ची के शव को अस्पताल के शौचालय में टॉयलेट सीट के अंदर ठूंस दिया गया था. जिसे टॉयलेट सीट तोड़कर बाहर निकाला गया है."- पवन, सफाईकर्मी, जमुई सदर अस्पताल
क्या कहना है अस्पताल प्रबंधन का? : इस घटना पर जमुई सदर अस्पताल प्रबंधन रमेश पांडेय ने बताया कि घटना शर्मसार करने वाली है. मामले की सूचना अस्पताल प्रबंधन को दी गई थी. शव का पोस्मार्टम कराया गया है. मामले की जांच की जा रही है. अस्पताल के इमरजेंसी के पास लगे सीसीटीवी को खंगाला जा रहा है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि नवजात के शव को टॉयलेट में किसने फेंका है.
''मामले की जांच के लिए अस्पताल प्रबंधन ने मेडिकल बोर्ड का गठन कर दिया है. सिविल सर्जन के निर्देश पर डॉक्टर जीके सुमन के मामले की जांच करेंगे. जांच टीम के निर्देश पर पोस्मार्टम कराया गया है.''- रमेश पांडेय, अस्पताल प्रबंधक