लखनऊ:स्वास्थ्य विभाग में नई सेवा नियमावली ने डॉक्टरों के प्रमोशन पर ब्रेक लगा दिया है. दशकों से डॉक्टर एक ही पद पर सेवाएं देने को मजबूर हैं. इसका खामियाजा डॉक्टर ही नहीं, विभाग भी भुगत रहा है. एक तरफ जहां प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग के डॉक्टरों को प्रमोशन नहीं मिल रही है, वहीं विभाग को नये डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों द्वारा 2012 के बाद ज्वाइन करने वाले किसी भी डॉक्टर को अभी तक प्रमोशन नहीं मिला है. जिसकी वजह से स्तर-एक में 3620 पदों के सापेक्ष करीब छह हजार कार्यरत हैं. स्वीकृत पदों से ज्यादा चिकित्सकों की तैनाती होने की वजह से नये डॉक्टरो की नियुक्ति प्रक्रिया पर ताला लगा है. स्तर एक के डॉक्टरों के ग्रेड-दो में प्रमोशन के बाद ही नई नियुक्तियों का रास्ता खुलेगा. लेकिन, नई नियमावली के अनुसार आगामी कई साल तक ग्रेड एक में पद रिक्त होने की संभावनाएं कम ही प्रतीत हो रही हैं.
क्या है नई नियमावली :चिकित्सकों की पुरानी सेवा नियमावली में डॉक्टर को 4, 11, 17 व 24 साल की नौकरी पूरी करने पर प्रमोशन मिलता जाता था. नौकरी शुरू करने के चार साल बाद ही डॉक्टर ग्रेड दो में पहुंच जाता था. इसके बाद ग्रेड दो में छह साल की सेवाएं या विभाग में 11 साल की नौकरी पूरी करने वाला चिकित्सक ग्रेड तीन में पहुंचता था. यही क्रम ग्रेड चार व पांच के लिए लागू था. लेकिन, नई नियमावली में ग्रेड दो से तीन में जाने के लिए ग्रेड दो में छह साल की सेवाएं ही अनिवार्य रखीं और 11 साल की नौकरी का क्लाज हटा दिया गया. लिहाजा समय पर मिलने वाली प्रमोशन नहीं मिल रही है. प्रमोशन शुरू होने के बाद भी डॉक्टरो को दोबारा निर्धारित अवधि की सेवाएं संबन्धित ग्रेड में देना होगा.