जयपुर.गुलाबी नगर के लिए खुशी की खबर यह है कि सालों से सूखा पड़ा हुआ ऐतिहासिक रामगढ़ बांंध एक बार फिर पानी से लबालब नजर आएगा. केंद्र सरकार ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम से रामगढ़ बांंध तक पानी पहुंचाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. शुरुआत में ईआरसीपी प्रोजेक्ट के तहत ईसरदा बांध का पानी कानोता बांध में भेजा जाना था, लेकिन अब सरकार ने रामगढ़ बांध की ओर अपना ध्यान खींचा है.
इस प्रोजेक्ट के तहत रामगढ़ बांध में ईसरदा बांध के साफ पानी को लाकर भरा जाएगा. इसके लिए पाइपलाइन के एलाइनमेंट में छोटा सा बदलाव भी किया गया है. गौरतलब है कि पहले भी ईसरदा बांध का पानी कानोता बांध लाकर, फिर रामगढ़ बांध को भरने की योजना थी. लेकिन कानोता बांध में गंदे पानी की आवक के बाद तब फैसला लिया गया है कि पानी सीधा रामगढ़ बांध तक पहुंचाया जाएगा.
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जल शक्ति मंत्रालय के पास डीपीआर: ईसरदा बांध के पानी से रामगढ़ बांध को भरने की डीपीआर मंजूरी के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के पास पेंडिंग है. लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के बाद माना जा रहा है कि इस डीपीआर को मंजूरी मिलेगी और काम शुरू हो जाएगा. दरअसल बांधों को जोड़ने की इस योजना को लेकर जब पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के अधिकारियों ने कानोता बांध का दौरा किया, तो यह तस्वीर सामने आई कि यहां आस-पास के इलाके में गंदे पानी की आवक होती है और ईसरदा से आने वाला पानी साफ होगा.
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ऐसे में अब डीपीआर में संशोधन की बात सामने आई है. ईसरदा से रामगढ़ बांध तक पानी लाने के लिए 2600 एमएम की पाइपलाइन बिछाई जाएगी. फिर रामगढ़ के पानी से कालख सागर और दूदू के छपरवाड़ा बांध को भी भरा जाएगा. जिले के तीन बांध भरने के बाद माना जा रहा है की खेती और सिंचाई के लिए आसपास के क्षेत्र को पर्याप्त पानी मिलेगा और दौसा के आसपास के इलाके में जलस्तर में भी इजाफा होगा.
इस तरह पहुंचाया जाएगा पानी:जयपुर के पास रघुनाथपुरा में 18 एकड़ की जमीन पर एक तालाब बनाया जाएगा. करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर एक मिलियन क्यूबिक मीटर क्षमता का यह तालाब तैयार होगा. जहां से पानी पाइपलाइन के जरिए रामगढ़ बांध तक पहुंचाया जाएगा. इस तालाब से एक लिंक कानोता और एक लिंक रामगढ़ बांध के लिए जोड़ा जाएगा. दोनों बांधों तक पानी पहुंचाने के लिए पंपिंग स्टेशन भी बनाया जाएगा.
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समृद्ध रहा है रामगढ़ का इतिहास: रियासत कालीन रामगढ़ बांध का इतिहास काफी समृद्ध रहा है. दिल्ली में 1982 में एशियाई खेलों में नौकायन प्रतियोगिता जयपुर के रामगढ़ बांध में आयोजित हुई थी. यह बांध 15.5 वर्ग किलोमीर में फैला हुआ है. अपनी स्थापना के 125 साल पूरे कर चुके इस बांध का शिलान्यास महाराजा माधोसिंह ने 30 दिसम्बर 1897 को किया था. जो करीब छह वर्ष में 1903 में बनकर हुआ था. इसकी भराव क्षमता 65 फीट है.
वहीं बांध का केचमेंट एरिया 759 वर्ग किलोमीटर है. इसके निर्माण पर तब 5 लाख 84 हजार 593 रुपए खर्च हुए थे. बांध से कालाखो दौसा तक साढ़े 21 मील लम्बी मुख्य नहर और 139 मील लम्बी लिंक नहरों का निर्माण करवाया गया था. इसकी मुख्य नहर चार दशक से बंद है. बांध से 1931 में जयपुर की प्यास बुझाने के लिए पानी ले जाया गया, इसमें कुल पानी की भराव क्षमता 75 मिलियन क्यूबिक मीटर है. सूखने से पहले यह बांध जयपुर की करीब 30 लाख की आबादी की प्यास बुझाता था.