वाराणसी: काशी-तमिल संगमम के पावन अवसर पर वाराणसी के गंगा घाटों पर भक्तों और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है. यह महोत्सव उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है, जहां लाखों श्रद्धालु गंगा के पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाकर अपनी आध्यात्मिक यात्रा को धन्य कर रहे हैं.
रविवार को NDRF की टीम ने मणिकर्णिका घाट पर आंध्र प्रदेश से आए 40 वर्षीय नरसिंहा राजू और 13 वर्षीय निहार बाला को सुरक्षित बचाया. वहीं NDRF के उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि 40 वर्षीय नरसिंहा राजू और 13 वर्षीय निहार बाला स्नान के दौरान गंगा नदी के गहरे पानी में बह गए और डूबने लगे. वहीं श्रद्धालुओं को बचाने के लिए एनडीआरएफ के बचावकर्मी चंदन कुमार ने बिना समय गंवाए नदी के तेज बहाव में छलांग लगा दी. अद्भुत साहस एवं जज्बे का परिचय देते हुए दोनों श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाला.
बनारस में एनडीआरएफ ने बचाई दो श्रद्धालुओं की जान, गंगा नदी से सुरक्षित बाहर निकाला - VARANASI NEWS
एनडीआरएफ ने मणिकर्णिका घाट पर आए दो श्रद्धालुओं को गंगा नदी के गहरे पानी से सुरक्षित बचाया.
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Feb 23, 2025, 7:30 PM IST
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चंदन कुमार ने बताया कि काशी-तमिल संगमम भारतीय संस्कृति की अखंडता और आध्यात्मिकता का जीवंत उत्सव है. यहां हर वर्ष दक्षिण भारत और काशी के बीच गहरी आस्था और परंपराओं का संगम देखने को मिलता है. इस महोत्सव के दौरान एनडीआरएफ की तत्परता और समर्पण यह सुनिश्चित करता है कि श्रद्धालु निर्भय होकर अपने धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कर सकें.
एनडीआरएफ के जांबाज बचावकर्मियों की वीरता, तत्परता के कारण श्रद्धालु नरसिंहा राजू और निहार बाला का जीवन सुरक्षित बचाया जा सका. इस साहसिक एवं कौशलपूर्ण अभियान ने एक बार फिर साबित किया कि एनडीआरएफ हर परिस्थिति में मानव सेवा और सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर है.
वहीं सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एनडीआरएफ की टीम मनोज कुमार शर्मा, उप महानिरीक्षक, के दिशा-निर्देश में कार्यरत है. एनडीआरएफ के बचावकर्मी किसी भी आपात स्थिति में बिना समय गंवाए त्वरित और दक्षतापूर्वक बचाव कार्य कर मानव जीवन की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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