लखनऊ: वर्ष 2019 तक तो सब कुछ ठीक था, अजय अपना टूर एंड ट्रेवेल का बिजनेस संभाल रहे थे, मैं अपना ब्यूटी पार्रलर चला रही थी. लेकिन, अचानक एक दिन वो बेहोश होकर गिर गए. डॉक्टर के पास गए तो उन्होंने बताया, कि अजय बस कुछ ही महीने के मेहमान है. तब तो मेरे पैरो तले जमीन खिसक गयी. बीते चार वर्षो में इलाज में सब बिक गया. अब अपने पति को नई जिंदगी देने और तीन बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए सड़क पर इडली बेच रही हूं. उम्मीद है, कि सब ठीक हो जायेगा. यह कहते हुए बिजनौर कि रहने वाली रेनू यादव रोने लगी.
एक रात ने बदल दी पूरी जिंदगी:मूल रूप से आजमगढ़ की रहने वाली रेनू यादव की 13 वर्ष पहले लखनऊ के आलमबाग निवासी अजय कुमार से शादी हुई थी. शादी के कुछ माह के बाद ही अजय ने अपना टूर एंड ट्रेवेल का बिजनेस शुरू किया. धीरे धीरे तीन गाड़ियां खरीद ली. रेनू के दो बेटे और एक बेटी हुई. सभी अच्छे स्कूल में पढ़ते थे. रेनू बताती है कि कोरोना काल में उनहोंने आलमबाग का घर बेच कर बिजनौर इलाके में प्लाट लिया और यहां उन्होंने अपना बुटीक खोला. सब जीवन अच्छे से चल रहा था. लेकिन, अचानक अप्रैल 2020 को वो एक गाड़ी लेकर बुकिंग पर गए थे. रात को अचानक बेहोश हो गए. जिन्हे उनका भाई और ड्राइवर लेकर घर आया और फिर कई अस्पताल में दिखाया. जहां सिर्फ खून कि कमी बताई गयी.
डॉक्टर ने कहा पति बस कुछ माह के मेहमान:रेनू के मुताबिक, पति कि हालत बिगड़ती जा रही थी. पैसे इलाज में खर्च होते जा रहे थे. इसलिए वो अपना परिवार लेकर आजमगढ़ मायके चली गयी. वहां भी कई डॉक्टर को दिखाया. लेकिन, कुछ भी सही नहीं हुआ. एक डॉक्टर के कहने पर पीजीआई आई. जहां डॉक्टर ने कहा, कि उन्हें ब्लड कैंसर है और अब वो कुछ ही महीनों की मेहमान है. रेनू कहती है कि यह सुनकर उनके पैरो तले से जमीन खिसक गयी. लेकिन, फिर इलाज शुरू हुआ. पैसे काफी खर्च हो रहे थे. लिहाजा गाड़ियां बेच दी और बुटीक का भी सामान ऑने पौने दाम में बेच कर इलाज करवाया. बच्चों कि पढ़ाई तो खत्म ही हो गयी थी. हालत ये थे, कि घर चलना मुश्किल हो रहा था.
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तीन बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए सड़क पर इडली बेच परिवार को बचाने की कर रही कोशिश.
पति के ब्लड कैंसर ने बदल दी जिंदगी (photo credit- Etv Bharat)
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Oct 5, 2024, 12:57 PM IST
शक्ति का रूप होती है महिला, ठान ले कुछ भी कर सकती है: रेनू ने बताया कि, एक दिन वो अकेले बैठ अपने परिवार के भविष्य के विषय में सोच रही थी. तब उन्होंने ठाना, कि महिला शक्ति का रूप होती है और जो भी ठान ले वो हो कर ही रहता है. तब उन्होंने शर्म लिहाज छोड़ आशियाना इलाके में इडली और सांभर बनाकर पहुंच गयी. लोगों को उनके हाथ का स्वाद अच्छा लगा और ठीक ठाक कमाई होने लगी.