नेशनल मेडिकल काउंसिल का एक्शन, महासमुंद शासकीय मेडिकल कॉलेज पर लाखों का जुर्माना - National Medical Council Action - NATIONAL MEDICAL COUNCIL ACTION
महासमुंद में नेशनल मेडिकल काउंसिल ने जिले के सरकारी मेडिकल कॉलेज पर बड़ी कार्रवाई की है. एनएमसी ने सरकारी मेडिकल कॉलेज पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगााय है. यह कार्रवाई क्यों की गई है. इसे जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर
महासमुंद: महासमुंद मेडिकल कॉलेज को लेकर एक बड़ी खबर मंगलवार को सामने आई है. यहां नेशनल मेडिकल काउंसिल, NMC ने महासमुंद के सरकारी मेडिकल कॉलेज पर बड़ा एक्शन लेते हुए जुर्माने की कार्रवाई की है. ऑनलाइन निरीक्षण के बाद नेशनल मेडिकल काउंसिल ने यह कार्रवाई की है. ऑनलाइन इंस्पेक्शन के दौरान मेडिकल कॉलेज में कई तरह की खामियां पाई गई थी जिसके बाद यह एक्शन लिया गया है.
एनएमसी ने मेडिकल कॉलेज को दी चेतावनी: एनएमसी ने मेडिकल कॉलेज को चेतावनी जारी की है. इस चेतावनी में दो महीने के भीतर कमियों को पूरा करने की बात कही गई है. महासमुंद के गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज को साल 2022 में 125 सीट की मान्यता मिली थी. इसके बाद से अब तक 250 छात्र छात्राएं फर्स्ट ईयर और सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं. जब ऑनलाइन इंस्पेक्शन हुआ तो यहां टीचरों की कमी पाई गई. जिसके बाद यह एक्शन लिया गया.
11 मई को हुआ था निरीक्षण: यह निरीक्षण की कार्रवाई 11 मई को की गई थी. जिसमें शासकीय मेडिकल कॉलेज में 40 प्रतिशत तक के शिक्षकों की कमी पाई गई. इसमें कई डॉक्टर्स शामिल हैं.एनएमसी ने महासमुंद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को सभी कमियों को दो महीने में दूर करने की बात कही है.
"एनएमसी की तरफ से महासमुंद शासकीय मेडिकल कॉलेज पर जुर्माना लगाया गया है. महाविद्यालय में जो कमियां स्थानीय स्तर पर दूर हो सकती हैं उसे जल्द से जल्द दूर कर लिया जायेगा. जो कमियां शासन स्तर पर है उसके लिए राज्य सरकार को पत्र भेजा गया है.": डॉक्टर यास्मीन खान, डीन, शासकीय मेडिकल कॉलेज महासमुंद
नेशनल मेडिकल कमीशन सख्त: देश के मेडिकल कॉलेज को लेकर एनएमसी ने बेहद सख्त रूख अख्तियार किया है. इस संस्था की तरफ से सभी मेडिकल कॉलेज पर ऑनलाइन नजर रखी जाती है. कॉलेज को समय सयम पर कमियों को लेकर दिशा निर्देश दिया जाता है. बीते कुछ दिनों पहले एनएमसी ने वर्चुअल बैठक ली थी. इस मीटिंग में सिम्स सहित प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेज के डीन और प्रोफेसर्स जुड़े थे. इस दौरान मेडिकल कॉलेजों के फैक्लटी की गिनती की गई. जिसमें काफी कमियां पाई गई. जिसके बाद एनएमसी ने ये कार्रवाई की है.