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38वां राष्ट्रीय खेल, छत्तीसगढ़ के विजय ने 55 किग्रा वेटलिफ्टिंग में जीता स्वर्ण पदक, राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी की - NATIONAL GAMES

38वां राष्ट्रीय खेल में वेटलिफ्टिंग के मुकाबले में छत्तीसगढ़ के विजय ने वेटलिफ्टिंग के राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी कर स्वर्ण पदक जीता है.

Chhattisgarh won gold in national games
राष्ट्रीय खेल में छत्तीसगढ़ ने जीता गोल्ड (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 30, 2025, 10:16 PM IST

रायपुर : उत्तराखंड में 28 जनवरी से 38वें राष्ट्रीय खेल चर रहा है. इस बीच गुरवार को छत्तीसगढ़ की वेटलिफ्टिंग टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है. छत्तीसगढ़ के वेटलिफ्टर विजय कुमार ने 38वें राष्ट्रीय खेल में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया है. वहीं, छत्तीसगढ़ की महिला वेटलिफ्टर ज्ञानेश्वरी यादव ने भी 49 किग्रा वर्ग में शानदार प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक हासिल किया है.

विजय स्वर्ण पदक जीतकर हुए विजयी : वेटलिफ्टर विजय कुमार ने पुरुषों की 55 किग्रा भार वर्ग में शानदार प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया है. उन्होंने 143 किग्रा क्लीन एंड जर्क में उठाकर राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी की और कुल 248 किग्रा का भार उठाया. विजय ने 105 किग्रा स्नैच और 143 किग्रा वजन क्लीन एंड जर्क में उठाकर प्रतियोगिता में शीर्ष स्थान हासिल किया. वहीं, महाराष्ट्र के मुकुंद संतोष ने 247 किग्रा के साथ दूसरा स्थान और महाराष्ट्र के ही गौड आकाश श्रीवासन ने 244 किग्रा वजन उठाकर तीसरा स्थान हासिल किया है.

"मेरा संघर्ष सही था, स्वर्ण पदक इसका प्रमाण" :ऐतिहासिक उपलब्धि पर विजय ने कहा कि इस सफर में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा, जिनमें सबसे बड़ी चुनौती उनकी पुरानी हैमस्ट्रिंग चोट थी. कई बार उन्होंने खुद भी संदेह किया कि क्या वे कभी शीर्ष स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे. लेकिन उनकी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने उन्हें विजयी बना दिया.

मेरे माता पिता को वेटलिफ़्टिंग में कोई भविष्य नहीं दिखता था. वे चाहते थे कि मैं इसे छोड़ दूं, लेकिन यह मेरा जुनून था, मेरा एकमात्र लक्ष्य. आज का स्वर्ण पदक इस बात का प्रमाण है कि मेरा संघर्ष सही था : विजय कुमार, चैम्पियन, वेटलिफ्टिंग (55 किग्रा), 38वां राष्ट्रीय खेल

पेरेंट्स और कोच को पदक किया समर्पित : विजय की यह जीत केवल एक पदक नहीं, बल्कि उनके कठिन परिश्रम, संघर्ष और अटूट समर्पण का परिणाम है. साधारण परिवार से आने वाले विजय के पास महंगे पोषण सप्लीमेंट या विशेष प्रशिक्षण के लिए संसाधन नहीं थे, लेकिन उनके सपने बड़े थे. शुरुआती दिनों में साधारण 'दाल-चावल' उनका आहार था, लेकिन उनकी महत्वाकांक्षा हमेशा बुलंद रही.

यह स्वर्ण पदक विजय के लिए केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि उनके माता-पिता और कोच के प्रति समर्पण का प्रतीक भी है. विजय ने भावुक होते हुए कहा कि "यह पदक उन्हीं के लिए है. उन्होंने मुझ पर भरोसा किया, जब किसी और ने नहीं किया".

युवा एथलीट के लिए प्रेरणा है विजय का संघर्ष: विजय कुमार की यह उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि हर युवा एथलीट के लिए प्रेरणा है. यह दिखाती है कि यदि हौसले बुलंद हों और मेहनत में कोई कमी न हो, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती. इस ऐतिहासिक जीत से कुछ सप्ताह पहले विजय ने सोशल मीडिया पर एक प्रेरणादायक संदेश साझा किया था. उन्होंने लिखा था कि "मेरा सफर तब तक जारी रहेगा, जब तक मैं सफल नहीं हो जाता." आज विजय ने अपने शब्दों को सच कर दिखाया है.

ज्ञानेश्वरी यादव ने भी जीता गोल्ड : आज हुए वेटलिफ्टिंग के चार मैच में तीसरा मैच महिलाओं के 49 किग्रा वर्ग का था. इस मैच में भी छत्तीसगढ़ की ही ज्ञानेश्वरी यादव ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया है. ज्ञानेश्वरी ने 49 किग्रा वर्ग में कुल 191 किग्रा वजन उठाकर स्वर्ण पदक हासिल किया है. इस मैच में महाराष्ट्र की सारिका प्रभाकर 179 किग्रा के साथ दूसरे स्थान पर रहीं. वहीं हरियाण का कोमल कोहर ने 179 किग्रा के साथ तीसरा स्थान हासिल किया.

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