नैनीताल: उत्तराखंड में नगर पालिका, निगर निगम और अन्य निकायों के कार्यकाल खत्म होने के 6 महीने बाद भी चुनाव नहीं कराने के मामले को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिए कि वो तत्काल अवमानना की प्रति राज्य सरकार देने का आदेश देने का कहा है. साथ ही राज्य सरकार को 11 जून तक इस पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 11 जून की तिथि नियत की है.
याचिकाकर्ता राजीव लोचन शाह ने अपनी अवमानना याचिका में कहा कि राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया. पूर्व में राज्य सरकार ने दो बार कोर्ट ने अपना बयान दिया था, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार 2 जून 2024 तक निकायों का चुनाव सम्पन्न करा लेगी, परन्तु अभी तक राज्य सरकार ने न तो चुनाव कराए न ही कोर्ट के आदेशों का पालन किया. यह एक संवैधानिक संकट है. देश का संविधान इसकी अनुमति नहीं देता.
याचिकाकर्ता का कहना है कि अगर किसी वजह से राज्य सरकार तय समय के भीतर चुनाव नहीं करा पाती है तो उस स्थिति में सिर्फ छह माह के लिए प्रशाशक नियुक्त किए जा सकते है. राज्य सरकार ने चुनाव कराने के बजाय प्रसाशकों का कार्यकाल और बढ़ा दिया.
याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य सरकार न तो कोर्ट के आदेश का पालन कर रही है और न ही अपने दिए गए वचन का. इसलिए इनके ऊपर कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करने पर अवमानना की कार्रवाई की जाए. बता दें कि नगर पालिका, निगर निगम और अन्य निकायों के चुनावों को लेकर नैनीताल निवासी वरिष्ठ पत्रकार राजीव लोचन शाह ने जनहित याचिका दायर की थी.