जबलपुर।एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले याचिकाकर्ता के खिलाफ विभाग आपराधिक कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है. मामले के अनुसार छतरपुर निवासी सतीश वर्मा की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि वह लोक निर्माण विभाग में संविदा आधार पर कार्यपालन यंत्री के पद पर कार्यरत है. याचिका में वेतन सहित अन्य लाभ तथा नियमितीकरण की राहत चाही गयी थी.
कार्यपालन यंत्री के नाम से खुद ने किए हस्ताक्षर
याचिकाकर्ता ने याचिका के साथ कुछ दस्तावेज संलग्न किए, जिनमें उसने बतौर कार्यपालन यंत्री हस्ताक्षर किए थे. सरकार की तरफ से सुनवाई के दौरान एकलपीठ को बताया गया कि याचिकाकर्ता दैनिक वेतनभोगी के रूप में कार्यरत था. उसे जुलाई 2009 में सेवामुक्त कर दिया गया. उसके बाद याचिकाकर्ता को विभाग में कभी भी बहाल नहीं किया गया. एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि याचिकाकर्ता ने दस्तावेज पर खुद हस्ताक्षर किए.
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