लखनऊःयूपी रोडवेज बसों के कंडक्टरों और ड्राइवरों को अब वर्दी नहीं पहनने का बहाना नहीं चलेगा. क्योंकिउत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की तरफ से 37000 नियमित और संविदा कर्मचारियों की वर्दी के लिए पौने सात करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं. हर ड्राइवर और कंडक्टर के खाते में 1800 रुपये भेजे गए हैं. इन पैसों से चालक परिचालक अपनी वर्दी खुद ही सिलवा सकेंगे. अभी तक परिवहन निगम की तरफ से ही वर्दी उपलब्ध कराई जाती थी, लेकिन पहली बार चालक परिचालकों को उनके खाते में पैसे भेजकर वर्दी सिलवाने की आजादी दी गई है. अगले साल जनवरी से रोडवेज बस चलाने वाले ड्राइवर कंडक्टर वर्दी में ही नजर आएंगे. ड्राइवर की वर्दी खाकी तो कंडक्टर की वर्दी स्लेटी कलर की होगी.
18 सौ रुपये वर्दी के लिए मिलेःबता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की तमाम बसों में अभी ड्राइवर-कंडक्टर बगैर वर्दी के भी नजर आ जाते हैं. तर्क देते हैं कि काफी पहले रोडवेज की तरफ से वर्दी उपलब्ध कराई गई थी, जो फट चुकी है. इसके बाद से पैसे नहीं मिले, जिसके चलते वर्दी नहीं सिल पाई है. ड्राइवर-कंडक्टर की शिकायत के बाद परिवहन निगम ने 37,273 संविदा और नियमित चालक परिचालकों की सूची तैयार की. इसके बाद वर्दी के लिए प्रति कर्मचारी को 1800 रुपये उनके खाते में भेजने का खाका तैयार किया गया. अब उनके खाते में पैसे भेज दिए गए हैं. इन पैसों से खुद कपड़ा खरीदने और सिलाई कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.