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जैसलमेर में ओरण भूमि को बचाने के लिए विधायक रविंद्र भाटी चलाएंगे अभियान - ORAN LAND IN JAISALMER

बईयां गांव में ओरण भूमि को निजी कंपनी को देने का विरोध जारी है. विधायक रविंद्र भाटी ने जनजागरण अभियान चलाने का ऐलान किया है.

Oran land in Jaisalmer
जैसलमेर में ओरण भूमि (Photo ETV Bharat Jaisalmer)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 11, 2024, 1:15 PM IST

Updated : Nov 11, 2024, 1:55 PM IST

जैसलमेर: जिले के बईया गांव में सरकार की ओर से निजी कंपनी को सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए दी गई जमीन को लेकर ग्रामीणों का विरोध चरम पर है. इसी बीच बाड़मेर जिले के शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी के नेतृत्व में इस जमीन आवंटन के खिलाफ ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया. विधायक भाटी ने कहा कि बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र हमारा परिवार है.उन्होंने कहा कि हमारी आस्था और प्रकृति के साथ यदि किसी प्रकार की छोड़छाड़ हुई तो विरोध उसका विरोध किया जाएगा. इस मामले में जन जागरण अभियान भी चलाया जाएगा.

जैसलमेर में ओरण भूमि को बचाने के लिए विधायक रविंद्र भाटी चलाएंगे अभियान (Video ETV Bharat Jaisalmer)

शिव विधायक भाटी ने कहा कि बईया गांव के लोग ओरण भूमि पर निजी कंपनी को सोलर प्लांट स्थापित करने को लेकर विरोध जता रहे हैं. ग्रामीण विकास के विरुद्ध नहीं है. वे केवल इतना चाहते हैं कि ओरण की जमीन को छोड़कर निजी कंपनी को कहीं पर भी अपना प्लांट स्थापित करने की अनुमति दे दी जाए. ओरण की जमीन के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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भाटी ने कहा कि जिन लोगों को ओरण की जमीन रिकॉर्ड में दर्ज करनी चाहिए थी, उनकी कमजोरी के कारण यह जमीन रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि प्रशासन इस कमजोरी के कारण मल्टी नेशनल कम्पनी को यही जमीन आवंटित कर देती है. इससे क्षेत्र की वनस्पति और आस्था संकट में पड़ जाती है. यह चीज गलत है. इससे जन भावना आहत होती है. उन्होंने कहा कि सभी ग्रामीणों की यही मांग थी कि ओरण की जमीन को छोड़कर विकास का कार्य करें और इस ओरण की जमीन को राजस्व रिकार्ड में दर्ज करें. इसको लेकर ग्रामीणों के साथ पहले भी विरोध दर्ज करवाया गया था. यह आगे भी जारी रहेगा.

विधायक ने चेतावनी दी कि आगे भी जहां कहीं जरूरत पड़ेगी तो बात करेंगे, लेकिन ओरण की जमीन खराब नहीं करने देंगे. उन्होंने कहा कि जैसलमेर बाड़मेर क्षेत्र में ऐसी कई ओरण की जमीनें हैं जो राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है. इन्हें राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाने का काम प्रशासन और राज्य सरकार का है.उन्हें इस जमीन को राजस्व में दर्ज करना चाहिए.

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मात्र 7 प्रतिशत है ओरण की जमीन: उन्होंने कहा कि पूरी सरकारी भूमि में 6 से 7 प्रतिशत क्षेत्र ही ओरण की जमीन है. बाकी पूरी जमीन जो खाली पड़ी है, वहां पर यदि विकास किया जाए तो किसी को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन किसी की जनभावना आहत नहीं हो, इस चीज का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से हम सभी की यही मांग है कि सरकार ओरण की जमीन को भी राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करें और इस प्रकृति एवं लोगों की आस्था के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं हो.

प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाएगा:उन्होंने कहा कि एक तरफ गोवंश और अन्य जीव जंतुओं को बचाने तथा प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने की बात की जाती है, लेकिन जब ओरण और गोचर जमीन ही अगर खत्म हो जाएगी तो प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाएगा. भाटी ने कहा कि प्रशासन व सोलर कंपनियां तानाशाही पूर्ण रवैया अपना रही है.

जनजागरण ​अभियान चलाएंगे:विधायक भाटी ने आरोप लगाया कि ओरण व गोचर जमीन पर सरकार अनैतिक तरीके से काबिज होना चाहती है. भाटी ने कहा कि यदि कोई अनैतिक ढंग से यहां काबिज होगा उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. विधायक भाटी ने बताया कि आने वाले दिनों में जनजागरण का अभियान चलाया जायगा. लोगों को ओरण के लिए आवाज बुलंद करने के लिए सचेत किया जाएगा.

Last Updated : Nov 11, 2024, 1:55 PM IST

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