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अल्पसंख्यकों के शिक्षा में पिछड़े होने का कौन है जिम्मेदार, जानिए - MINORITIES RIGHTS DAY 2024

MINORITIES RIGHTS DAY 2024 : ईटीवी भारत ने यूपी के विधायकों-माननीयों से राज्य में अल्पसंख्यकों की स्थिति और अधिकारों पर राय जानी.

अल्पसंख्यक अधिकार दिवस-2024
अल्पसंख्यक अधिकार दिवस-2024 (Photo Credit : ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 19, 2024, 1:14 PM IST

लखनऊ : 18 दिसंबर को पूरे देश में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया गया. इसमें संविधान द्वारा अल्पसंख्यकों को दिए गए अधिकारों पर चर्चा की जाती है. इस अवसर पर ईटीवी भारत ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न विधायकों से बातचीत कर राज्य में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की स्थिति का जायजा लिया.

समाजवादी पार्टी के विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक कमाल अख्तर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों के अधिकार सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के "सबका साथ, सबका विकास" नारे को "खोखला" करार देते हुए कहा कि प्रदेश में अल्पसंख्यकों के लिए बजट में कटौती की गई है. मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया सात वर्षों से ठप है, और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी बंद कर दी गई हैं. कमाल अख्तर ने कहा कि बीजेपी केवल दिखावटी नारे देती है, लेकिन जमीन पर कुछ भी नहीं होता.

अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर ईटीवी भारत की खास खबर. (Video Credit : ETV Bharat)

फर्जी मुकदमे और अत्याचार के आरोप:समाजवादी पार्टी के विधायक मोहम्मद नफीस ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार में अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला हो रहा है. "मुसलमानों पर फर्जी मुकदमे किए जा रहे हैं, हाफ इनकाउंटर करके उन्हें जेल भेजा जा रहा है. संभल और बहराइच की घटनाएं इसका स्पष्ट उदाहरण हैं. उन्होंने कहा कि बहराइच में हुई हिंसा के दोषी खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन अब तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.



अल्पसंख्यक अधिकार दिवस का महत्वःसमाजवादी पार्टी के विधायक मोहम्मद हसन रूमी ने कहा कि आज के माहौल में अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर चर्चा बेहद जरूरी हो गई है. आरोप लगाया कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 जैसे कानून लाकर अल्पसंख्यकों के अधिकारों को खत्म करने की कोशिश हो रही है. सिर्फ दिवस मनाने से अधिकार नहीं मिलेंगे. अल्पसंख्यकों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना होगा.

शिक्षा के माध्यम से मुख्यधारा में जुड़ने की अपील:विधायक मोहम्मद ताहिर खान ने कहा कि अल्पसंख्यकों को अपने अधिकारों के प्रति सजग और जागरूक होना चाहिए. हमें शिक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय हित में सकारात्मक योगदान देना होगा. सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्रा आयोग की रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि अल्पसंख्यक, विशेष रूप से मुस्लिम, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में पिछड़े हैं. उन्होंने मुसलमानों से शिक्षा के क्षेत्र में काम करने की अपील की ताकि वे समाज और देश के विकास में योगदान दे सकें.



अल्पसंख्यकों की बेहतरी के लिए सरकार से अपीलःमोहम्मद ताहिर खान ने यह भी कहा कि सरकार को अल्पसंख्यकों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सकारात्मक कदम उठाने चाहिए. हम सरकार से अपील करते हैं कि वह अल्पसंख्यकों के साथ सौतेला व्यवहार न करे.





अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के मौके पर राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण दिवस है. उन्होंने कहा कि भारत एक बहु-सांस्कृतिक और बहु-धार्मिक देश है. जहां विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोग सद्भाव से रहते हैं. हमारा संविधान सभी नागरिकों को समानता, समान अवसर और सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार प्रदान करता है. विपक्ष मे बैठी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने अल्पसंख्यक समुदायों को हमेशा सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से हाशिए पर धकेलने का काम किया है. उन्हें शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवा और अन्य बुनियादी सुविधाओं तक से दूर रखा. आज केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अल्पसंख्यकों को सामान शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य मुहैया करा रही है.

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