राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

नए जिलों के निरस्त पर गरमाई सियासत, मंत्री खर्रा बोले- 'फैसला जनहित और राज्यहित में' - RAJASTHAN NEW DISTRICT

नए जिलों को निरस्त किए जाने के फैसले पर सियासी घमासान जारी है. स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिह खर्रा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.

नए जिलों के निरस्त पर घमासान
नए जिलों के निरस्त पर घमासान (फोटो ईटीवी भारत जोधपुर)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 30, 2024, 11:32 AM IST

जोधपुर.नगरीय विकास आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिह खर्रा ने प्रदेश के 9 जिलों को समाप्त किए जाने पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने नए जिलों की वित्तीय व्यवस्था के लिए कोई प्रावधान नहीं किया था. नए जिले बनाने और उन्हें पूरी तरह से विकसित करने के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है. सोमवार को जोधपुर सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए खर्रा ने बताया कि किसी एक तहसील को अलग जिला बनाना व्यावहारिक दृष्टि से सही नहीं था.

खर्रा ने कहा कि मंत्रिमंडल ने यह निर्णय उप समिति के मापदंडों के अनुरूप नहीं होने के कारण लिया है. राजस्थान सरकार ने राज्य के हित में और जनहित में अनावश्यक जिलों को समाप्त किया है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा नए जिलों में कार्यालय स्थापित करने के बाद उनके निरस्त करने को गलत बताने पर मंत्री खर्रा ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि सिर्फ कार्यालय खोलने से कोई फायदा नहीं था, जब तक उस जिले में आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था नहीं की जाती. गहलोत सरकार ने नए जिलों के लिए संसाधनों का कोई प्रबंध नहीं किया था और राज्य की वित्तीय स्थिति को देखते हुए ऐसे जिलों के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करना संभव नहीं था. उन्होंने दूदू और केकड़ी जैसे एक-एक तहसील वाले जिलों को बनाने को भी अनुचित बताया.

झाबर सिह खर्रा की प्रतिक्रिया (वीडियो ईटीवी भारत जोधपुर)

पढ़ें: कांग्रेस विधायकों वाले जिले भी हो गए निरस्त, कई जिलों में विरोध शुरू, आंदोलन की चेतावनी

एसआई भर्ती पर उच्च न्यायालय के निर्णय को लेकर मंत्री ने कहा कि इस संबंध में एक रिट याचिका लंबित है. अगर मंत्रिमंडल कोई निर्णय लेता तो नया मुकदमा दायर हो सकता था, इसलिए सरकार ने विधि विशेषज्ञों से सलाह लेकर यह निर्णय लिया है कि उच्च न्यायालय में ठोस तर्कों के साथ अपनी बात रखी जाएगी. मंत्री ने कहा कि इसके बाद न्यायालय द्वारा जो भी निर्णय होगा, वह स्वीकार किया जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details