जयपुर. माइंस विभाग ने मानसून के दौरान राज्य के खनन क्षेत्रों और विभाग के दफ्तरों में व्यापक स्तर पर पौधारोपण का मानस बनाया है. माइंस सचिव आनन्दी ने बताया कि कलस्टर आधार पर भी पौधारोपण करवाया जाएगा, ताकि मानसून के दौरान अधिक से अधिक संख्या में पौधारोपण के साथ ही लगाए जाने वाले पौधों/वृक्षों का रखरखाव भी सुनिश्चित हो सके. इस मुहिम में पौधारोपण के दौरान छायादार और फलदार पौधें लगाने को प्राथमिकता दी जाएगी.
इसके लिए स्थानीय प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों से समन्वय बनाते हुए सामूहिक पौधारोपण होगा. खान सचिव ने कहा कि माइंस विभाग के खनन गतिविधियों से जुड़े होने के कारण पर्यावरण संरक्षण की भी अधिक जिम्मेदारी हो जाती है. लिहाजा हर जिले के खनन पट्टा क्षेत्रों में, जहां खनन कार्य पूरा होकर बंद हो चुका है, वहां कम से कम एक खान चिन्हित कर उसका पुनर्भरण करवाने और फिर उस स्थान पर व्यापक पौधारोपण कराने के निर्देश दिए गए हैं.
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अधिकारियों को सौंपी जाएगी जिम्मेदारी : खान सचिव आनन्दी ने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार माइनिंग सेक्टर में इस मानसून सीजन में पांच लाख से ज्यादा पौधे लगाए जाएंगे. पौधारोपण के लिए सभी विभागीय कार्यालयों में एक-एक अधिकारी को इस काम की देखरेख की जिम्मेदारी दी जाएगी. वहीं, मुख्यालय स्तर पर अतिरिक्त निदेशक पर्यावरण विकास दीपक तंवर मॉनिटरिंग करेंगे. सोमवार को जयपुर में आयोजित वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में खान सचिव ने जरूरी दिशानिर्देश दिए हैं. पौधारोपण कार्यक्रम में माइंसधारकों की भूमिका और सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी. गौरतलब है कि प्रदेश में मेजर और माइनर मिनरल की छोटी-बड़ी 30 हजार से अधिक माइंस है.
पौधारोपण की तय होगी जिम्मेदारी : पौधारोपण के साथ ही मानसून सीजन के दौरान लगाये जाने वाले पौधों और वृक्षों के रखरखाव और सारसंभार की जिम्मेदारी भी दी जाएगी, ताकि माइंस विभाग का पौधारोपण अभियान अपने मकसद में पूरा हो सके. इसके लिए अलग-अलग स्तर पर जिम्मेदार लोगों को काम सौंपा जाएगा. खान विभाग की मुहिम में छायादार-फलदार वृक्षों में नीम, बड़, पीपल, आम, शहतूत, शीशम, गुलमोहर, अशोक, जामुन जैसे पेड़ों के पौधे लगाए जाएंगे. पौधारोपण के दौरान राजस्थान की भौगोलिक स्थितियों के अनुसार कम पानी और जल्दी बढ़ने वाले पौधों को लगाने में प्राथमिकता दी जाएगी.