अयोध्याःमिल्कीपुर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी का परचम लहराया है. भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान ने 146397 वोट पाकर सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद को 61710 वोटों से हराया है. सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे सपा प्रत्याशी को सिर्फ 84687 ही वोट मिले. जबकि आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रत्याशी को 5459 वोट मिले.
मौलिक अधिकार पार्टी प्रत्याशी राम नरेश चौधरी को 1722, राष्ट्रीय जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) प्रत्याशी सुनीता को 363 निर्दलीय संजय पासी को 1107, भोलानाथ 1003, वेद प्रकाश 507, अरविंद कुमार 425, कंचनलता 286 वोट मिले. जबकि 1361 लोगों नोटा दबाया. उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 60.81 और समाजवादी पार्टी को 34.81 फीसदी वोट मिले. भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय छात्रों की संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं ने अबीर गुलाल उड़ाकर जमकर ढोल नगाड़े पर नाचे और लड्डू बाटकर खुशियां मनाई. वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस जीत को डबल इंजन की भाजपा सरकार की लोक-कल्याणकारी नीतियों एवं सेवा, सुरक्षा और सुशासन को समर्पित के प्रति आमजन के अटूट विश्वास का प्रतीक बताया है.
सनातन धर्म और आस्था पर चोट पहुंचाने वाले चारों खाने चित्तःअयोध्या के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि समाजवादी पार्टी जब जीतती है तो वह कहते हैं कि यह हमारी नीतियों की जीत है. जब हार जाते हैं तो प्रशासन और ईवीएम पर आरोप लगाना शुरू कर देते हैं. इस बार सपाई बहुत पहले ही अपना हार मान चुके थे. यहां के जो सांसद हैं, जिन्हें अखिलेश यादव ने अयोध्या का राजा बताया था, वह एक घटना को लेकर मीडिया के सामने और उनकी जनसभा में रोने की नौटंकी बनाकर घड़ियाल आंसू बहा रहे थे. इस समय सिद्ध हो गया था कि हार चुके है. वहीं, आगामी 2027 की चुनाव को लेकर जवाब बहुत बड़ा संदेश है, जिसके लिए मिल्कीपुर की जनता को बधाई देते हैं. जनता ने भारतीय जनता पार्टी और कमल के फूल को खुलकर के आशीर्वाद दिया है. मिल्कीपुर में जो समाज को विभाजित करने वाली शक्तियां थी, जो सनातन धर्म और आस्था पर चोट पहुंचा रही थी, वह सभी चारों खान निश्चित हो चुके हैं.
403 विधानसभाओं में ये ‘चार सौ बीसी’ नहीं चलेगीःवहीं, समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव का कहना है कि 'पीडीए की बढ़ती शक्ति का सामना भाजपा वोट के बल पर नहीं कर सकती है, इसीलिए वो चुनावी तंत्र का दुरुपयोग करके जीतने की कोशिश करती है. ऐसी चुनावी धांधली करने के लिए जिस स्तर पर अधिकारियों की हेराफेरी करनी होती है, वो 1 विधानसभा में तो भले किसी तरह संभव है, लेकिन 403 विधानसभाओं में ये ‘चार सौ बीसी’ नहीं चलेगी. इस बात को भाजपावाले भी जानते हैं, इसीलिए भाजपाइयों ने मिल्कीपुर का उपचुनाव टाला था. पीडीए मतलब 90% जनता ने खुद अपनी आंखों से ये धांधली देखी है. ये झूठी जीत है, जिसका जश्न भाजपाई कभी भी आईने में अपनी आंखों-में-आंखें डालकर नहीं मना पाएंगे. उनका अपराधबोध और भविष्य में हार का डर उनकी नींद उड़ा देगा. जिन अधिकारियों ने चुनावी घपलेबाजी का अपराध किया है वो आज नहीं तो कल अपने लोकतांत्रिक-अपराध की सजा पाएंगे. एक-एक करके सबका सच सामने आएगा. न कुदरत उन्हें बख़्शेगी, न कानून. भाजपाई उनका इस्तेमाल करके छोड़ देंगे, उनकी ढाल नहीं बनेंगे. जब उनकी नौकरी और पेंशन जाएगी तो वो अपने बच्चों, परिवार और समाज के बीच अपमान की जिंदगी की सजा अकेले भुगतेंगे. लोकसभा चुनावों में अयोध्या में हुई पीडीए की सच्ची जीत, उनके मिल्कीपुर के विधानसभा की झूठी जीत पर कई गुना भारी है और हमेशा रहेगी.
मिल्कीपुर सीट के हारने का पहले से ही अनुमान थाः फिरोजाबाद में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा है कि मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव समाजवादी पार्टी हार जाएगी, इस बात का हमें पहले ही अंदाजा था. क्योंकि वहां गड़बड़ी की गई और चुनाव आयोग ने उसका संज्ञान नहीं लिया. जब चुनाव आयोग की शिकायत का संज्ञान नहीं ले तो पुलिस किसी को भी वोट डालने से रोक सकती है और किसी को भी खदेड़ सकती है. ऐसा ही मिल्कीपुर सीट पर हुए उपचुनाव में देखा गया. यही वजह रही कि लोकसभा में सांसदों ने चुनाव आयोग का कफन डाल दिया.