रायपुर:छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री के बाद से लगातार बारिश हो रही है. बात अगर जून माह की करें तो औसत से लगभग 34 फीसद कम बारिश दर्ज की गई है. जुलाई महीने में बारिश की बात करें तो शुरुआत में लगभग हर दिन बारिश हुई है. कुछ क्षेत्रों में अधिक तो कुछ क्षेत्रों में कम बारिश हुई है. मौसम विभाग की मानें तो इस बार छत्तीसगढ़ में अच्छी बारिश हो सकती है. दूसरी तरफ कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि किसान अभी रोपाई और बुआई करते हैं, तो उन्हें अच्छी फसल मिल सकती है.
जानिए क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक: मौसम वैज्ञानिक गायत्री वाणी कांचीभोटला ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा, "जून में मानसून जल्दी आ गया था, लेकिन उसके बाद उसका प्रोग्रेस धीमा रहा. बाद में मानसून ने पूरे प्रदेश को 23 जून तक कवर कर लिया.यदि औसत बारिश की बात की जाए, तो उस दौरान लगभग 34 फीसद कम औसत बारिश दर्ज की गई थी. इसकी वजह है कि ऑनसेट होने के बाद जो सिनॉप्टिक कंडीशन इतना फेयरवेल नहीं था, जिसकी वजह से मानसून कमजोर रहा. जुलाई की बात की जाए तो आज की स्थिति में औसत वर्षा कुछ कम हुई है. लगभग 23 प्रतिशत कम औसत वर्षा दर्ज की गई है, इसमें भी कुछ जिलों में सामान्य बारिश हुई है, कुछ में औसत से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. सुकमा, बलोदा बाजार, बीजापुर, बिलासपुर, पेंड्रा, इन जगहों पर औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई है. इसके अलावा बाकी बहुत सारे ऐसे जिले हैं, जहां औसत से कम बारिश दर्ज की गई है. जुलाई में बारिश सामान्य या उससे अधिक होने की संभावना है, जो 23 फीसद औसत से कम बारिश दर्ज की गई है. उसकी पूर्ति भी जुलाई में लो प्रेशर सिस्टम जैसे ही बनेगा हो सकती है.
यदि लो प्रेशर सिस्टम काम करता है तो 28 जून के आसपास साइक्लोनिक सर्कुलेशन या लो प्रेशर सिस्टम फॉर्म हुआ था, जिस वजह से 26 जून के बाद बारिश ने गति पकड़ी थी. अभी भी अच्छी बारिश कुछ जगह पर दर्ज की गई है. मध्य और साउथ छत्तीसगढ़ में वर्षा की गतिविधि कम हो रही है. 6 जुलाई के बाद मानसून और भी सक्रिय होने की संभावना है. यदि पूरे बारिश के सीजन की बात करें तो इस बार छत्तीसगढ़ में पूर्वानुमान है कि उत्तर में सामान्य और उससे अधिक बारिश होने की संभावना है. वहीं, पूर्वी और दक्षिण के जिलों में औसत से कम या सामान्य बारिश होने की संभावना है.-गायत्री वाणी कांचीभोटला, मौसम वैज्ञानिक