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पीएमश्री विद्यालयों में खास पहल; बच्चों के अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरूक कर रही योगी सरकार, 724 विद्यालय चिह्नित

प्रदेश सरकार ने की विशेष अभियान की शुरूआत, दो लाख 70 हजार बच्चों के अभिभावकों से हो रहा संपर्क

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह (फाइल फोटो)
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह (फाइल फोटो) (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 19, 2024, 8:04 AM IST

लखनऊ :उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पीएमश्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) योजना के तहत शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सामुदायिक सहभागिता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक विशेष अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान के तहत प्रदेश के चिन्हित सभी 724 पीएमश्री विद्यालयों में अध्ययनरत दो लाख 70 हजार से अधिक बच्चों के हित से जुड़े एसएमसी (स्कूल प्रबंध समिति) के सदस्यों, ग्राम प्रधानों, शिक्षकों और स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ बैठकें आयोजित की जा रही हैं.

इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य अभिभावकों को शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूक करना और उनके बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना है. इन बैठकों का आयोजन शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों द्वारा किया जा रहा है, जहां अभिभावकों को विशेष रूप से उनके बच्चों की पढ़ाई में आने वाली समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा की जा रही है.

प्रदेश में चयनित हैं 724 पीएमश्री विद्यालय :योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों (प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट) में से 724 विद्यालयों को पीएमश्री विद्यालयों के रूप में चयनित किया है, जिनमें दो लाख 70 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं. सरकार का लक्ष्य है कि इन दो लाख 70 हजार विद्यार्थियों के अभिभावकों से संपर्क साधा जाए और उन्हें अपने बच्चों की शिक्षा व उनकी नियमित उपस्थिति के महत्व से अवगत कराया जाए.



इन बैठकों में स्कूल छोड़ने वाले (ड्रॉपआउट) बच्चों के अभिभावक से संपर्क कर स्कूल वापस लाने की रणनीति पर विचार किया जाएगा. इसके साथ ही अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों की निगरानी और नियमित रूप से स्कूल आने वाले बच्चों को प्रोत्साहित करने का कार्य भी सक्रिय रूप से चल रहा है.

शिक्षक तैयार कर रहे सूचियां :पीएमश्री विद्यालयों के शिक्षक इस कार्य में बेहद संवेदनशीलता के साथ जुटे हुए हैं. वे बैठकों से पहले संभावित ड्रॉपआउट बच्चों, अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों और शत-प्रतिशत उपस्थिति वाले बच्चों की सूचियां तैयार कर रहे हैं. इसके अलावा, डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के तहत यूनिफॉर्म और अन्य लाभ प्राप्त कर चुके बच्चों की सूची भी बनाई जा रही है, ताकि विद्यार्थियों की शैक्षिक स्थिति का बेहतर तरीके से आकलन किया जा सके.


इस संबंध में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि इन बैठकों में एसएमसी के सदस्यों, ग्राम प्रधानों और स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य और शिक्षक व्यक्तिगत रूप से अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें इन बैठकों में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं.


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