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सोशल मीडिया पर भी नजर रखेगा एमडीडीए, जानिए क्यों उठाया जा रहा ये कदम - MDDA ACTION FAKE INFORMATION

जमीन, फ्लैट, प्लॉट आदि ब्रिकी से संबंधित भ्रामक विज्ञापनों की सोशल मीडिया पर भरमार, एमडीडीए ने गठित की 6 सदस्यीय टीम

MDDA Office
एमडीडीए कार्यालय (फाइल फोटो- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 17, 2025, 8:43 PM IST

देहरादून:सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भ्रामक जानकारी फैलाने वालों पर अब एमडीडीए शिकंजा कसेगा. प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने बैठक लेकर 6 सदस्यीय टीम का गठन किया है. जो सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर भ्रामक जानकारी देने वालों को टीम ट्रैक करेगी. साथ ही फेसबुक से लेकर दूसरे सोशल मीडिया पेज पर भी रोजाना की जानकारी अपलोड की जाएगी.

भ्रामक और लुभावने पोस्ट डालकर लोगों को बना रहे ठगी का शिकार:दरअसल, सोशल मीडिया के इस युग में बड़ी संख्या में लोग फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे तमाम माध्यमों पर जुड़े हैं. इसी का फायदा कुछ गलत तरह के लोग हर वक्त उठाने की जुगत में रहते हैं. उनकी ओर से तमाम तरह के लुभावने विज्ञापन या जानकारियां सोशल मीडिया पर दी जाती है. जिससे कई बार आकर्षित होकर लोग ठगी आदि घटनाओं का शिकार हो रहे हैं.

जमीन, फ्लैट, प्लॉट आदि ब्रिकी के फर्जी विज्ञापनों की सोशल मीडिया पर भरमार:बता दें कि सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, यूट्यूब आदि पर प्लॉटिंग, ले-आउट पास कराने, फ्लैट बिक्री को लेकर तमाम तरह की भ्रामक जानकारियां फैलाने वालों पर मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है.

एमडीडीए की 6 सदस्यीय टीम गठित:इस मामले में आज प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने बैठक लेकर एक 6 सदस्यीय टीम गठित कर दी है, जो इस तरह के लोगों को न केवल ट्रैक करेगी. बल्कि, प्राधिकरण के अधिकृत अलग-अलग पेज से सही जानकारी जनता तक पहुंचाने का काम करेगी.

एमडीडीए उपाध्यक्ष वंशीधर तिवारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी देने वालों पर नकेल कसने के लिए प्राधिकरण की एक 6 सदस्य टीम बनाई गई है. जिसमें सहायक अभियंता सुधीर कुमार गुप्ता, अनुसचिव एकता अरोड़ा, अवर अभियंता प्रवेश नौटियाल और नैंसी शर्मा के अलावा सहायक लिपिक कलम सिंह बिष्ट एवं प्रोग्रामर नीरज सेमवाल को शामिल किया गया है.

टीम की ओर से अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भ्रामक जानकारी देने वालों को ट्रैक करना होगा और इसकी साप्ताहिक रिपोर्ट उन्हें उपलब्ध करानी होगी. साथ ही टीम को ये भी दायित्व दिया गया है कि प्राधिकरण की ओर से जो भी ध्वस्तीकरण, सीलिंग आदि की कार्रवाई की जाती है, उसकी जानकारी भी प्राधिकरण की वेबसाइट और अलग-अलग पेज पर नियमित रूप से पोस्ट करनी होगी.

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