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कई फैसले लेने पड़े वापस, अनेक उपलब्धियों ने बढ़ाया मान, पढ़िए योगी सरकार के लिए कैसा रहा साल 2024? - YOGI GOVERNMENT YEAR ENDER 2024

ऑनलाइन अटेंडेंस, नजूल अध्यादेश और पीसीएस परीक्षा को 2 दिन में कराने का निर्णय बदला. नकल माफिया पर पाया काबू. महाकुंभ की पुख्ता तैयारी.

साल 2024 योगी सरकार के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा.
साल 2024 योगी सरकार के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 5 hours ago

लखनऊ :मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के लिए साल 2024 बेहत चुनौतीपूर्ण रहा. पेपर लीक मामले से सरकार विपक्ष के निशाने पर रही. 3 बड़े फैसले सरकार को वापस लेने पड़े. इसमें शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस, पीसीएस परीक्षा को 2 दिन में कराने का निर्णय और नजूल अध्यादेश संबंधित आदेश शामिल हैं. दूसरी ओर सरकार महाकुंभ की तैयारी में जुटी रही. इस आयोजन को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करती नजर आई. पुलिस परीक्षा के सफल आयोजन के साथ ही सरकार कई अन्य मोर्चों पर भी सफल रही.

लोकसभा चुनाव के बाद बदला योगी सरकार का रुख :लोकसभा चुनाव 2024 का होना और उसका परिणाम कहीं न कहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के कामकाज पर नजर आया. चुनाव से पहले और चुनाव के बाद सरकार के रुख में काफी बड़े परिवर्तन दिखाई दिए. चुनाव से पहले जहां बुलडोजर जमकर चलता रहा, वहीं चुनाव के बाद इसमें संयम बरता गया. यही हाल सरकार के निर्णय में भी रहा. लोकसभा चुनाव से पहले जहां योगी आदित्यनाथ की सरकार जो निर्णय लेती थी उस पर आमतौर पर अडिग रहती थी. इसके विपरीत लोकसभा चुनाव के बाद योगी सरकार के रुख में बदलाव आया. आमतौर से आंदोलन के दबाव में मुख्यमंत्री की सरकार नजर आई. कई फैसले बदले गए.

आंदोलन के बाद परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव :प्रयागराज में यूपी लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन का असर नवंबर में दिखाई दिया था. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 2 शिफ्ट में दो परीक्षाएं आयोजित करने का फैसला वापस ले लिया था. प्रयागराज में 4 दिनों से आयोग के सामने डटे 20,000 छात्रों के विरोध के आगे सरकार को झुकना पड़ा था. आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि पीसीएस की परीक्षा अब एक ही दिन में आयोजित की जाएगी.

स्कूल शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस का फैसला वापस :जुलाई में भी सरकार ने एक बड़ा फैसला वापस लिया था. स्कूल के शिक्षक डिजिटल अटेंडेंस को लेकर लंबे समय से विरोध कर रहे थे. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने उत्तर प्रदेश के शिक्षकों के लिए डिजिटल अटेंडेंस के फैसले पर रोक लगा दी थी. इस मामले में एक समिति का गठन किया गया था. इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर सरकार बड़ा फैसला लेगी. उत्तर प्रदेश में शिक्षक अलग-अलग जिलों में डिजिटल अटेंडेंस का विरोध कर रहे थे. मुख्य सचिव ने डिजिटल अटेंडेंस पर आगामी दो महीने के लिए रोक लगाई थी.

मगर पांच महीने बीतने पर भी यह लागू नहीं किया गया. जब से उत्तर प्रदेश सरकार ने डिजिटल अटेंडेंस को लेकर फरमान जारी किया था, शिक्षक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. कई शिक्षकों ने त्यागपत्र देने की भी धमकी दी थी. शिक्षकों का कहना था कि , डिजिटल अटेंडेंस के लिए दिए गए डिवाइस काफी लो क्वालिटी के हैं. कभी - कभी तो सर्वर ही नहीं मिलता. इस कारण समय पर शिक्षक उपस्थिति दर्ज नहीं करवा पाते. कुछ शिक्षक हाथ में काली पट्टी बांधकर सरकार के निर्णय का विरोध कर रहे थे.

महाकुंभ मेले को लेकर यूपी सरकार की बड़ी तैयारी. (Photo Credit; ETV Bharat)

नजूल संपत्ति विधेयक पर भी पीछे हटी योगी सरकार :जुलाई में विधानसभा के मानसून सत्र में नजूल संपत्ति विधेयक 2024 को सरकार ने प्रवर समिति को भेज दिया था. प्रवर समिति विधेयक का अध्ययन कर 2 महीने में अपनी रिपोर्ट देगी. विधानमंडल के सदस्यों की मांग के अनुरूप संभावित संशोधन के साथ समिति अपने सुझाव सरकार को देगी. बीजेपी विधायकों के विरोध के आगे सरकार को झुकना पड़ा था और अब इसे संशोधित करके ही दोबारा विधानसभा में पेश किया जाएगा. इसका मतलब है कि अब ये विधेयक ठंडे बस्ते में चला गया है.

कई बार निरस्त हुईं परीक्षाएं, नकल माफिया पर नकेल :इस वर्ष कई प्रतियोगी परीक्षाएं निरस्त की गईं. नकल माफिया ने परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक करवा दिए. इसकी वजह से लाखों की संख्या में प्रतियोगी परीक्षार्थियों को तकलीफों का सामना करना पड़ा. सरकार की जबरदस्त किरकिरी भी हुई. पुलिस परीक्षा का भी पर्चा लीक हुआ था. इसके बाद में सरकार ने नकल माफिया पर जबरदस्त नकेल कसी. इसका नतीजा यह निकला कि दोबारा जब पुलिस परीक्षा कराई गई तो कहीं से भी किसी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली. सरकार को नकल माफिया पर काबू करने में कामयाबी मिली.

महाकुंभ के लिए सरकार ने झोंक दी ताकत :महाकुंभ 2025 प्रयागराज में 13 जनवरी से आयोजित किया जाना है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में साल 2024 में शायद ही कोई दिन ऐसा रहा होगा जब इस महाकुंभ की तैयारी को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोई दिशा-निर्देश न दिए हों. कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. इसका नतीजा है कि साल के आखिर तक कुंभ सिटी का जलवा साफ दिखाई देने लगा है. भारत ही नहीं दूसरे देशों में भी रोड शो करके कुंभ का प्रचार किया जा रहा है.

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