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मैंगो मैन हैं यूपी के ये शुक्ला जी... बगिया एक, 352 किस्म के आम, 4 ग्राम का अंगूरी दाना और 5 किलो का हाथीझूल तक - Mango Festival Lucknow 2024

लखनऊ में आम महोत्सव 2024 (Mango Festival Lucknow 2024) का आगाज हो चुका है. महोत्सव में विभिन्न प्रकार के आमों की वैरायटी देखने के मिल रही है. यहां पहुंचे मैंगोमैन नाम से मशहूर एससी शुक्ला देश विदेश के आमों की वैरायटी की जानकारी साझा कर रहे हैं. एससी शुक्ला ने देश-विदेश के आम की 352 वैरायटी अपने बगीचे में तैयार की हैं.

लखनऊ में आयोजित आम महोत्सव.
लखनऊ में आयोजित आम महोत्सव. (Photo Credit-Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 13, 2024, 10:35 AM IST

Updated : Jul 20, 2024, 1:46 PM IST

लखनऊ में आयोजित आम महोत्सव पर संवाददाता अखिल पांडेय की खास रिपोर्ट. (Video Credit-Etv Bharat)

लखनऊ :देशभर में मैंगोमैन नाम से फेमस एससी शुक्ला ने देश विदेश की कोई ऐसी वैरायटी नहीं छोड़ी जिसे लखनऊ में अपने ऑर्चर्ड में स्थापित न कर दिया हो. अब लोगों को विभिन्न वैरायटी के आम खाने के लिए देश विदेश जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती, बल्कि यहीं मैंगो मैन के बाग से सभी वैरायटी के आम मार्केट में मिल जाते हैं. विश्व के कई देशों में घूम चुके मैंगो मैन एससी शुक्ला ने अपने बाग में अब तक 352 वैरायटी के आम उत्पादित किए हैं. जो अपने आप में रिकॉर्ड है. उन्हें इसके लिए बहुत सारे अवार्ड मिल चुके हैं. उनके ऑर्चर्ड में बड़ी-बड़ी हस्तियां आ चुकी हैं. मैंगो मैन से "ईटीवी भारत" ने एक्सक्लूसिव बातचीत की.

आम महोत्सव में प्रदर्शित की प्रजातियां. (Photo Credit-Etv Bharat)

सवाल : आप मैंगो मैन के नाम से जाने जाते हैं. दुनिया भर में आप फेमस हैं. जो दुनिया में आम होते हैं वह आपने लखनऊ में ला दिए. लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं. कितनी आम की प्रजातियां आपने तैयार की हैं?

जवाब : मैं साधारण आम इंसान हूं. यह उपाधि तो आप जैसे लोग देते रहते हैं. उत्साह भी बढ़ाते हैं. हमने अपना एक ऑर्चर्ड बनाया है. जैसे आप अमेरिका जाओ तो एप्पल गार्डन है. न्यूजीलैंड में कीवी गार्डन है. वहां साफ सुथरा माहौल है. खूब फल होते हैं. कीवी गार्डन गए तो वहां बताते हैं कि हरी कीवी, पीली कीवी, खट्टी कीवी, अचार वाली कीवी. दुनियाभर की कीवी बताई. यह देश में हमारे अभाव था. मेरे दिमाग में एक कॉन्सेप्ट आया उसकी तर्ज पर मैंने यहां पर एक इंटरनेशनल मैंगो फीस्ट ऑर्चर्ड बनाया. जो शहर के अंदर है.

आलमबाग क्षेत्र में सात एकड़ में 352 वैरायटी के आम लगाए हैं. यह ऐसे आम है जो बड़े विशेष हैं. वह चाहे प्रदेश की विशेषता हो या दूसरे देशों के आम की विशेषता हो उन सबके पौधे हमारे यहां फ्रूटिंग स्टेज में है. हमारे यहां फल फूल रहे हैं. चार ग्राम से लेकर अंगूरी दाना है. 5 किलो के हाथीझूल भी हैं. हमारे पास रंगीन वैरायटी का सबसे बड़ा ऑर्चर्ड है. हमें रंगीन प्रजातियों के लिए कई बड़े अवॉर्ड भी मिले हैं. इस महोत्सव में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रंगीन प्रजातियों के लिए सर्वश्रेष्ठ उत्पादन के लिए सर्वाधिक वैरायटी के लिए अनेकों पुरस्कार मुझे दिए हैं. इस बार जो हमें अभिनंदन किया है. हमें सर्वाधिक प्रजातियों का प्रथम पुरस्कार विभाग दे रहा है.



सवाल : योगी आदित्यनाथ के नाम पर ही आपने एक योगीराज आम की वैरायटी बनाई. वह काफी फेमस हुई. उसके बारे में बताइए?

जवाब : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी डेडिकेटेड रहते हैं किसानों के लिए. अपने समाज के लिए. उनके नाम पर हमने एक आम की वैरायटी बनाई जो योग मुद्रा में है. उसका छिलका इतना बढ़िया है. हल्का रेशा है उसमें और बेहद मीठा है. पल्प है पीले रंग का है. आप कितना भी उसे खा लो आपको भारीपन नहीं लगता है. यह सबसे बड़ी योगीराज वैरायटी के आम की खासियत है. अब हम उसकी नई फसल तैयार कर रहे हैं.



सवाल: आपके आम के फैन दुनिया भर में फैले हैं. कोई पर्सनालिटी नहीं बची जो आपके आम के फैन न हों. अभी तक किस-किस को अपने आम पहुंचाया है?

जवाब : एक चीज मैंने अपने शौक के लिए बनाई लेकिन लोगों को पसंद आने लगी. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, पूर्व राज्यपाल राम नाईक भी हमारे यहां आते रहे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हमारे यहां आए. हमारे उपमुख्यमंत्री कई बार पहुंचे हैं मेरे बाग में. स्वामी रामदेव मेरे बाग में आए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योग गुरु पदमश्री एस आर नागेंद्र मेरे बाग में आए. जग्गी वासुदेव मेरे यहां आए. महान विभूतियां हमारे यहां आती रहती हैं. अभी फिल्म अभिनेता अनुपम खेर आए थे. तमाम सारे एक्टर एक्ट्रेस हमारे ऑर्चर्ड में आते रहते हैं.


सवाल : आप देश-विदेश में घूमते रहते हैं और वहां के जो भी वैरायटी होती है उसे अपने देश में लेकर आते हैं तो कहां कहां किन-किन देशों के वैरायटी उत्पादित की है?

जवाब : मैं जिस देश में भी गया मेरा प्रयास होता है वहां से पौधे लाएं. अगर परमिशन गवर्नमेंट नहीं देती है तो हम फिर उसके बीज ले आते हैं, पके आम ले आते हैं. उसे फिर हम यहां पर डेवलप करते हैं. अगर अच्छा निकला तो कंटिन्यू करता हूं. विदेश से जो चीज लाते हैं उसमें कस्टम एक बड़ा रोड़ा होता है. उसकी फॉर्मेलिटी करनी पड़ती है. जैसे मैं कनाडा गया वहां से मैपल लाना था तो वहां पर एक दिन मुझे ज्यादा खर्च करना पड़ा, लेकिन मुझे लाना ही था इसलिए मैंने अपना टाइम खर्च किया.

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Last Updated : Jul 20, 2024, 1:46 PM IST

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