प्रयागराज/लखनऊ :संगम नगरी में 13 जनवरी से महाकुंभ मेले की शुरुआत हो चुकी है. देश-विदेश के लाखों लोगों की भीड़ जुट रही है. इस बीच परिवहन विभाग ने मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी राहत दी है. महाकुंभ के 6 प्रमुख स्नान के दिनों में 350 शटल बसें चलाई जाएंगी. इनमें श्रद्धालु मुफ्त में सफर कर सकेंगे. ये बसें शहर के विभिन्न हिस्सों से मेला क्षेत्र में पहुंचाएंगी. इसके अलावा मेला क्षेत्र से अस्थायी बस अड्डे तक भी फ्री में ले जाएंगी.
महाकुंभ 2025 में आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को परिवहन विभाग ने बड़ी सौगात दी है. उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने अपनी शटल बस सेवा को प्रमुख स्नान के दिन निशुल्क कर दिया है. श्रद्धालुओं को विभिन्न जिलों से प्रयागराज के लिए 7000 बेस ग्रामीण सेवा के रूप में बसों का संचालन किया जा रहा है.
इसी कड़ी में प्रयागराज नगर क्षेत्र में 350 शटल बस सेवा का भी संचालन किया जा रहा है. सभी मुख्य स्नान के दिन इन बसों से सफर करने वाले यात्रियों को जीरो मूल्य का टिकट जारी किया जाएगा. अपर प्रबंध निदेशक राम सिंह वर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है.
अपर प्रबंध निदेशक की ओर से जारी किया आदेश. (Photo Credit; ETV Bharat) अपर प्रबंध निदेशक ने आदेश में कहा है कि मेला अवधि में मुख्य स्नान पर (एक दिन पूर्व से एक दिन बाद कुल 18 दिन तक) नगर एवं मेला क्षेत्र में के आसपास के विभिन्न पार्किंग स्थलों में श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में लाने और ले जाने के लिए निशुल्क शटल बस सेवा का संचालन किया जा रहा है. 13 जनवरी, 14 जनवरी, 19 जनवरी, 3 फरवरी, 12 फरवरी और 26 फरवरी को होने वाले प्रमुख स्नान के दिन से एक दिन पहले और एक दिन बाद तक श्रद्धालु शटल बस में फ्री सेवा का लाभ उठा सकते हैं.
वहीं मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. रात आठ बजे से व्यवस्था लागू होगी. 15 जनवरी को रात आठ बजे तक यह प्रभावी रहेगी. श्रद्धालु जीटी जवाहर रोड से प्रवेश कर काली सड़क होते हुए काली रैंप से संगम में आ सकेंगे. इसके अलावा संगम क्षेत्र से अक्षयवट मार्ग होते हुए इंटरलॉकिंग त्रिवेणी मार्ग होते हुए वापस जा सकेंगे. मेला क्षेत्र में जाने के लिए प्रवेश मार्ग जवाहरलाल नेहरू मार्ग काली सड़क से एवं निकास मार्ग त्रिवेणी मार्ग प्रस्तावित है.
परिवहन निगम के आरएम एमके त्रिवेदी ने बताया की यात्रियों की सुविधा के लिए यह व्यवस्था बनाई गई है. यह प्रमुख स्नान से एक दिन पहले और एक दिन बाद तक लागू रहेगी.
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