प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में रविवार को लगी आग भयावह हो सकती थी. लेकिन, आग से निपटने के हाईटेक सिस्टम की वजह से केवल 20 मिनट में ही भयावह आग पर काबू पाया जा सका. महाकुंभ में बने वॉच टावर से ही आग को थर्मल इमेजिंग के माध्यम से देखा गया और अगले एक मिनट में खुद फायर की एक गाड़ी वहां पहुंच गई और आग बुझाने का काम शुरू हो गया.
अगले 5 मिनट में फायर की 10 गाड़ियां पहुंच गईं. स्पेशियली ट्रेंड रेस्क्यू ग्रुप (STRG) के 100 जवान और फायर की छोटी बड़ी 45 फायर टेंडर्स की मदद से सिर्फ 20 मिनट में ही आग पर काबू पा लिया गया. आईए अब सबसे पहले जान लेते हैं कि महाकुंभ में आग की घटनाओं को रोकने के लिए किस तरह के इंतजामात किए गए हैं.
महाकुंभ में स्थापित हैं 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट: चीफ फायर ऑफिसर, महाकुंभ प्रमोद शर्मा ने बताया कि 25 सेक्टर्स और 25 किलोमीटर के दायरे में फैले मेला क्षेत्र में सूचना के भरोसे रहने पर आग की घटना को रोकना काफी मुश्किल टास्क है. महाकुंभ में सभी अस्थाई झोपड़ियां, बांस बल्ली और कपड़ों, घास-फूस से बनाए जाते हैं. आग लगने पर बहुत तेजी से उसका फैलाव होता है. यही कारण है कि अग्निशमन विभाग ने महाकुंभ क्षेत्र में कुल 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट स्थापित किए हैं. इसके अलावा 80 फायर बाइकर्स भी हैं जो मेला क्षेत्र में बंटे हुए सेक्टर्स में हमेशा पेट्रोलिंग करते रहते हैं.
महाकुंभ क्षेत्र में स्थापित किए गए हैं 52 वॉच टावर:महाकुंभ में आग लगते ही उसका पता लग सके इसके लिए 52 वॉच टावर लगाए गए हैं. इन वाॅच टावर्स पर हमेशा अग्निशमन कर्मी बैठे रहते हैं. हाईटेक एआई बेस्ड सीसीटीवी कैमरों से लैस इन वॉच टावर्स से ही महाकुंभ में लगी आग को सबसे पहले देखा गया. खुद फायर कर्मियों ने अधिकारियों को इसकी सूचना दी और अगले एक मिनट में फायर की एक गाड़ी पहुंच गई.
अगले 10 मिनट में छोटी बड़ी 45 गाड़ियां मौके पर पहुंचकी आग लगने वाले एरिया को चारों तरफ से घेर लिया. यातायात विभाग ने पूरे एरिया को सील कर दिया ताकि फायर टेंडरों को घटना स्थल तक पहुंचने में मदद मिल सके. इसका भी फायद मिला और मौके पर समय रहते मदद मिल सकी. पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, अग्निशमन विभाग, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें एकजुट होकर आग पर काबू पाने में लगी रहीं. सभी ने बखूबी अपना काम किया.